केंद्र सरकार ने सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड की 15 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने का फैसला लिया है। ऑफर फॉर सेल के जरिए कंपनी की यह हिस्सेदारी बेची जाएगी, इससे सरकार को 5,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। ऑफर का फ्लोर प्राइस कंपनी के 1,001 रुपये प्रति इक्विटी शेयर पर तय किया गई है। बुधवार के क्लोजिंग प्राइस 1,177.75 रुपये पर मौजूदा कीमत 15 प्रतिशत छूट पर है। एचएएल ने एक रेगुटरी फाइलिंग में बताया है कि ऑफर फॉर सेल 27 और 28 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज की एक अलग विंडो पर होगा। ऑफर फॉर सेल के तहत कंपनी के प्रमोटर एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अपने शेयर बेचकर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को कम करते हैं।
सरकार ने 3,34,38,750 इक्विटी शेयर बेचने का प्रस्ताव किया है, जिसमें कंपनी की 10 प्रतिशत पेड-अप शेयर कैपिटल है, जिसमें अतिरिक्त 5 प्रतिशत हिस्सेदारी या 1,67,19,375 इक्विटी शेयर (ओवरस्क्रिप्शन ऑप्शन) बेचने का विकल्प है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल्स में सरकारी की 89.97 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो मार्च 2018 में स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध थी। कंपनी ने नियामकीय फाइलिंग में कहा कि ऑफर साइज का 20 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए और 25 फीसदी म्यूचुअल फंड के लिए आरक्षित होगा। खुदरा निवेशकों को ओएफएस दिशानिर्देशों के अनुसार कट-ऑफ मूल्य पर 5 प्रतिशत की छूट पर ऑफर शेयर आवंटित किए जाएंगे।
IDBI कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज, SBICAP और YES सिक्योरिटीज (इंडिया) ऑफर के लिए सेटलमेंट ब्रोकर के रूप में काम करेंगे। गौरतलब है कि मोदी सरकार तेजी से निजीकरण की राह पर बढ़ रही है। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया और ऑयल मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम का भी सरकार निजीकरण करने की तैयारी में है। यही नहीं देश में फिलहाल 12 सरकारी बैंक हैं, जिनमें से आधे बैंकों को सरकार निजी हाथों में सौंपने पर विचार कर रही है। इसके अलावा कई अन्य बैंकों में सरकार अपनी हिस्सेदारी भी कम कर सकती है। दरअसल इसके जरिए कोरोना संकट की मार से फंड में आई कमी से भी निपटने पर सरकार की नजर है।