सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिये सरकार को शुक्रवार को 2,610.74 करोड़ रुपये का लाभांश दिया। वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘एलआईसी की बचत 2018-19 में 53,214.41 करोड़ रुपये रही। यह 2017-18 की तुलना में 9.9 प्रतिशत अधिक है। एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 30 नवंबर 2019 तक बीमा पालिसीधारक संख्या में मामले में 76.28 प्रतिशत और पहले साल के प्रीमियम में हिस्सेदारी के आधार पर 71 प्रतिशत रही।’’ कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह पहली बार हुआ है जब किसी वित्त वर्ष में उसका सरप्लस (बचत) 50 हजार करोड़ रुपये के पार हुई है।

एलआईसी के चेयरमैन एम.आर.कुमार ने वित्त सचिव राजीव कुमार और विशेष सचिव देवाशीष पांडा की उपस्थिति में लाभांश का चेक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा।
एलआईसी के गठन के 63 साल पूरे हो गये हैं और कंपनी अभी 31.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर रही है। वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी की सालाना आय 5.61 लाख करोड़ रुपये और पहले साल का प्रीमियम 1,42,191.69 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान कंपनी ने 2.59 करोड़ दावों में 1.63 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया।

पिछले दिनों खबर आई थी कि LIC ने अपने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। LIC ने डिजिटल तरीके से पेमेंट करने वाले उपभोक्ताओं से सुविधा शुल्क नहीं वसूलने का ऐलान किया है। लोगों ने LIC की इस नई सुविधा का लाभ 1 दिसंबर, 2019 से उठाना शुरू किया था।

एलआईसी की तरफ से कहा गया था कि पेमेन्ट के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर किसी पॉलिसी के तहत प्रीमियम को रिन्यूवल कराना हो, नई प्रीमियम की शुरुआत करनी हो, किसी लोन का भुगतान करना हो या फिर लिए गए लोन के लिए ब्याज का भगुतान करना हो, LIC डिजिटल मोड में किये गये पेमेंट पर अब सुविधा शुल्क नहीं वसूलेगी।