Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY): नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा तय किए गए तीन लाख करोड़ रुपए के मुद्रा लोन के टारगेट को पूरा करने का बैंकों पर दबाव है। यह बात पिछले महीने तक खूब चर्चा का विषय रही। यह भी कहा गया था कि पिछले वित्त वर्ष के लिए मिले इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बैंकों को ओवरटाइम भी करना पड़ेगा। वहीं, सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि 22 मार्च तक लगभग 2.82 लाख करोड़ रुपए का ऋण प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीपीएमवाई) के तहत पास किया गया, जिसमें से करीब 97 फीसदी रकम चुकाई जा चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि मोदी सरकार ने वित्त वर्ष के आखिरी चार कार्य दिवसों (वर्किंग डे) में रोजाना लगभग 4500 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा था।
‘फाइनैंशियल एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में आखिरी आठ दिनों में सरकार ने लगभग 18 हजार करोड़ रुपए का लोन पास किया। ऐसा इसलिए, ताकि लगातार तीसरे साल यह दिए गया लक्ष्य हासिल कर ले। बिजनेस अखबार को वित्तीय सेवा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बताया, “हम पहले ही लक्ष्य (तीन लाख करोड़) से आगे निकल चुके हैं। अगले हफ्ते तक या उसके आस-पास हम आंकड़े भी जारी कर देंगे।”
रिपोर्ट में ऊपर बताए गए आंकड़े से स्पष्ट है कि मार्च के आखिरी चार कार्य दिवसों में लगभग 4500 करोड़ रुपए का मुद्रा लोन सैंक्शन हुआ, जबकि पूरे वित्त वर्ष में इस लोन के पास होने की औसत दर एक कार्य दिवस में 970 करोड़ रुपए थी।
बता दें कि मुद्रा लोन योजना आठ अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी। सरकार इसके तहत गैर-कृषि गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण मुहैया कराती है। हालांकि, कृषि, डेरी, मुर्गी पालन और मधुमक्खी पालन सरीखी चीजें इसके तहत आती हैं। मुद्रा लोन तीन श्रेणियों में विभाजित है। यह लाभार्थी की जरूरत और उसके काम के विकास स्तर पर निर्भर करता है।
