पंजाब नेशनल बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब और भी बैंक जल्दी ही ऐसी सुविधाएं शुरू कर सकते हैं जिसमें कोई खाताधारक बगैर नेट बैंकिंग के भी ई-फाइलिंग साइट पर आयकर रिटर्न का प्रमाणन कर सकता है। आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर बैंक खातों के पूर्व-प्रमाणन के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणन कोड (ईवीसी) तैयार किया जा सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, ‘पंजाब नेशनल बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने यह सुविधा शुरू की है जिससे ऐसे खाताधारकों को अपने आयकर रिटर्न के ई-प्रमाणन या सत्यापन में सुविधा होगी जिनके पास नेटबैंकिंग खाते न हों।’
सीबीडीटी ने यह भी कहा कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर डीमैट खाते के पूर्व-प्रमाणन से ईवीसी तैयार किया जा सकता है। सीबीडीटी ने कहा, ‘एनएसडीएल और सीडीएसएल ने यह सुविधा पेश की है जिससे खाताधारकों को अपने रिटर्न के ई-प्रमाणन की सुविधा मिलेगी।’ विभाग ने कहा कि ग्राहक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एक्सिस बैंक और केनरा बैंक के संबंधित बैंक के एटीएम के जरिए ईवीसी तैयार कर सकते हैं। अन्य बैंकों के भी यह सुविधा जल्द प्रदान करने की उम्मीद है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक आयकर रिटर्न के ई-प्रमाणन की सुविधा का उपयोग पांच अगस्त तक 75.3 लाख से अधिक करदाताओं ने किया जिनकी संख्या पिछले साल सात सितंबर तक 32.95 लाख थी। इस साल इनमें से आधार आधारित ई-प्रमाणन का उपयोग 17.68 लाख करदाताओं ने किया जिनकी संख्या वित्त वर्ष 2015-16 में 10.41 लाख थी। इनके अलावा 3.32 लाख रिटर्न डिजिटल हस्ताक्षर वाले थे।
कर विभाग ने कहा कि वह ऐसे सभी करदाताओं को प्रोत्साहित करता है जिन्होंने सीपीसी, बेंगलुरु को आईटीआर-पांच फॉर्म भेजने के लिए आसान विकल्प के तौर पर ई-प्रमाणन का उपयोग करने के लिए आईटीआर सौंपा है। सीपीसी बेंगलुरु ने अब तक 14,332 करोड़ रुपए के 54.25 लाख रिफंड जारी किए हैं।