मॉनसून की प्रगति और विदेशी निवेशकों का रुख इस सप्ताह बाजार की दिशा तय करने में अहम कारक होंगे। विश्लेषकों का हालांकि मानना है कि आईआईपी आंकड़ों में तेजी तथा स्थिर मुद्रास्फीति आंकड़ों के बीच बाजार की शुरुआत सकारात्मक रहने की उम्मीद है।
रिलायंस सिक्युरिटीज के अनुसंधान प्रमुख हितेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘आगे चलकर, कम से कम अगली कुछ तिमाहियों में कंपनियों के वित्तीय नतीजों में कोई जबरदस्त सुधार की बहुत उम्मीद नहीं दिखती। इस प्रकार, बाजार की नजर मॉनसून की प्रगति पर रहने की संभावना है।’’
भारतीय मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून ‘सामान्य से कमजोर’ रहने का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी अप्रैल माह के आईआईपी आंकड़ों ने सबको आश्चर्य में डाल दिया जो बाजार के अनुमान से बेहतर रहा। वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मु्द्रास्फीति भी अनुमान के मुताबिक रही।’
रेलीगेयर सिक्युरिटीज के अध्यक्ष (खुदरा वितरण) जयंत मांगलिक ने कहा, ‘‘मॉनसून की प्रगति एक मुख्य कारक है जिस पर इस समय बाजार की नजर है और आगे चलकर यह अहम भूमिका अदा करेगी। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल मुक्त बाजार समिति की दो दिन की बैठक 16 और 17 जून को प्रस्तावित है। निवेशकों को इस बैठक के बाद ब्याज दर में वृद्धि को लेकर अनिश्चितता दूर होने की उम्मीद है।’’
पिछले सप्ताह, बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 343.19 अंक नीचे 26,425.30 अंक पर बंद हुआ। लगातार तीन सप्ताहों में सूचकांक 1,532.20 अंक या 5.48 प्रतिशत टूट चुका है।