आर्थिक सुस्ती के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद् में दो नए चेहरों को शामिल किया है। सरकार ने बृहस्पतिवार को सलाहकार परिषद् में निलेश शाह और नीलकंठ मिश्रा को शामिल किए जाने की घोषणा की। निलेश शाह कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड के एमडी हैं।

वहीं नीलकंठ मिश्रा इंडिया स्ट्रेटेजिस्ट के एमडी और एशिया पेसिफिक फॉर क्रेडिट सुईस के इक्विटी स्ट्रेटेजी में सह प्रमुख हैं। सरकार के इस कदम को बाजार की हकीकत को समझने और वास्तविकता तक पहुंचने के रूप में देखा जा रहा है। इन दोनों लोगों की नियुक्ति आर्थिक सलाहकार परिषद् में दो साल के अंशकालिक सदस्य के रूप में हुई है।

इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस मैनेजमेंट एंड रिसर्च के डीन वी. अनंत नागेश्वरन आर्थिक सलाहकार परिषद् में शामिल होने वाला तीसरा नया चेहरा हैं। ये नियुक्तियां आर्थिक सलाहकार परिषद् से रथिन रॉय और शमिका रवि की छुट्टी के तीन सप्ताह बाद हुई हैं। उस समय जेपी मोर्गन के मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री साजिद शिनॉय को शामिल किया गया था।

अपनी नियुक्ति के बारे में निलेश शाह ने कहा कि देश की सेवा करना सम्मान की बात है। बाजार के स्टूडेंट के रूप में मैंने जो पिछले तीन दशक से सीखा है उसे समिति के साथ बांटूंगा। शाह पिछले दो दशक से स्टार फंड मैनेजर रहे हैं। शाह ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचअल फंड को हैंडल किया है। इसके अलावा वह एक्सिस कैपिटल के सीईओ भी रहे हैं। एक्सिस कैपिटल एक्सिस बैंक की इंन्वेस्टमेंट बैंकिंग शाखा है।

ऐसे समय जब बैंक ग्रोथ इंडिकेटर, यात्री वाहन, दोपहिया वाहनों की बिक्री, रिटेल खपत में सुस्ती जीडीपी के आंकड़ों में दिखाई दे रही है। उस वक्त बाजार के विश्वसनीय नामों की आर्थिक सलाहकार परिषद् में नियुक्ति से बाजार में विश्वास बहाली में मदद मिलने की उम्मीद है। फोर्ब्स मार्शल के नौशाद फोर्ब्स ने इन नियुक्तिओं को सरकार का बेहतरीन कदम बताया है।

उन्होंने कहा कि बेहतर आर्थिक क्षमता वाले और योग्य लोगों को सरकार के सलाहकार की भूमिका में लेकर आना एक स्वस्थ संकेत हैं। मालूम हो कि पिछले महीने ही सरकार ने बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता में दो साल के लिए आर्थिक सलाहकार परिषद् का पुनर्गठन किया था।