मोदी सरकार ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों और उपकरण निर्माताओं को देश में 5जी का ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी है। जिन कंपनियों के अनुमति दी गई है उनमें चीन की दिग्गज कंपनी हुवावे भी शामिल है। हुवावे वहीं कंपनी है जिस पर अमेरिका ने चीनी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी का आरोप लगाते हुए अपने यहां प्रतिबंधित कर दिया था।

एक कार्यक्रम में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने सभी प्लेयर्स को 5जी स्पेक्ट्रम के ट्रायल की अनुमति दे दी है। इस संबंध में सैद्धांतिक रूप से फैसला लिया जा चुका है। हालांकि, बाद में जब चीनी कंपनी हुवावे के ट्रायल में शामिल होने को लेकर अलग से सवाल पूछा गया तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हां, सभी को अनुमति दी गई है।

सूत्रों का कहना है कि हुवावे सहित सभी आपरेटर और वेंडर इस परीक्षण में शामिल किए जाएंगे। इस बारे में संपर्क करने पर हुवावेई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जे चेन ने ई-मेल से भेजे जवाब में कहा कि कंपनी का मानना है कि प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण और उच्च गुणवत्ता के नेटवर्क के जरिये ही भारतीय दूरसंचार उद्योग को आगे बढ़ाया जा सकता है।

सरकार के इस फैसले से चीन की उपकरण कंपनी हुवावेई को काफी राहत मिली है। प्रसाद ने कहा कि इस बारे में सैद्धान्तिक तौर पर फैसला ले लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘5जी भविष्य है, यह रफ्तार है। हम 5जी में नए नवोन्मेषण को प्रोत्साहन देंगे। चेन ने कंपनी के प्रति भरोसा जताने के लिए भारत सरकार का आभार जताया।

उन्होंने कहा कि हमारा नरेंद्र मोदी सरकार में पूरा विश्वास है कि वह भारत में 5जी को तेजी से आगे बढ़ाएगी। हमें भारत सरकार और उद्योग पर पूरा भरोसा है कि वह सर्वश्रेष्ठ तकनीक के साथ भागीदारी करेगा। इससे भारत को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हुवावेई भारत को लेकर प्रतिबद्ध है। 5जी परीक्षण चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है।