केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स लि. (आरसीएफएल) में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सरकार को इस हिस्सेदारी बिक्री से करीब 300 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

इस संबंध में निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एक नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के मुताबिक शेयर बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन के लिये मर्चेन्ट बैंकर और लॉ कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की गई है। रूचि रखने वाले मर्चेन्ट बैंकर और लॉ परामर्शदाताओं को क्रमश: 28 जनवरी और 29 जनवरी तक बोलियां जमा करनी होगी।

सरकार की राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उसकी बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये 10 प्रतिशत विनिवेश की योजना है। मर्चेन्ट बैंकर को सरकार को बिक्री पेशकश के समय और तौर-तरीकों के बारे में परमर्श देना होगा।

इसके साथ ही बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा जहां भी जरूरत होगी, नियामकीय एजेंसियों से मंजूरी और छूट हासिल करने में मदद करनी होगी। सरकार शेयर बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन के लिये दो मर्चेन्ट बैंकरों की नियुक्ति करेगी।

विनिवेश लक्ष्य पर संकट: पिछले वित्त वर्ष की तरह चालू वित्त वर्ष के लिए तय विनिवेश लक्ष्य हासिल करना भी असंभव सा दिख रहा है। इस वित्त वर्ष के लिए रखे गये 2.10 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य में 1.20 लाख करोड़ रुपये केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से जुटाए जाने हैं।

वहीं, 90 हजार करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाने हैं। इन संस्थानों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और आईडीबीआई जैसे संस्थान प्रमुख हैं।