इस साल के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मार्च, 2021 तक विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, कोरोना और अन्य समस्याओं की वजह से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब तक इस लक्ष्य से काफी दूर नजर आ रही है।

इन हालातों के बीच सरकार ने एयर इंडिया, बीपीसीएल और एलआईसी जैसी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया को तेज कर दी है। अब सरकार एक और कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में हिस्सेदारी बेच रही है। केंद्र सरकार ने मैनेजमेंट ट्रांसफर के साथ शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में अपनी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश के लिए बोलियां आमंत्रित की है।

विनिवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के मुताबिक 13 फरवरी 2021 तक संभावित खरीदारों से अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया गया है। इसके जरिए पता चलेगा कि कौन सी कंपनियां या निवेशक इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही हैं।

2500 करोड़ की हिस्सेदारी: मौजूदा बाजार मूल्य के आधार पर शिपिंग कॉरपोरेशन में सरकार की हिस्सेदारी की कीमत करीब 2,500 करोड़ रुपये है। सरकार ने विनिवेश प्रक्रिया का प्रबंधन करने के लिए आरबीएसए कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी को अपना लेनदेन सलाहकार नियुक्त किया है।

आपको बता दें कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने पिछले साल नवंबर में शिपिंग कॉरपोरेशन के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। हालांकि, महामारी के कारण इसे अमली जामा पहनाने में देरी हुई।