केंद्र सरकार पीएफ खाता धारकों को तोहफा देने जा रही है। वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि अनौपचारिक क्षेत्र में नए कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में 12% योगदान सरकार द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से 1 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे सरकारी खजाने को लगभग 6,500 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि बैठक के दौरान शिक्षा के बारे में दो महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। “सार्वजनिक संस्थानों में फीस कम हो या शिक्षा फ्री हो, लेकिन निजी संस्थानों में फीस बहुत ज्यादा है इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि एजुकेशन लोन पर ब्याज के लिए 6,600 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है।
यह 2009 में शुरू हुआ था, लेकिन 2009-14 के बीच, केवल एक साल में 800 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। 2014 से यह सालाना 1800 करोड़ रुपये हो गया है।” उन्होंने घोषणा की कि 2017 से 2020 के बीच यह राशि 2,200 करोड़ रुपये सालाना होगी। इससे 3 साल में 10 लाख छात्रों को फायदा होगा। यह फायदा उनको होगा जिनके परिवार की इनकम सालाना 4.5 लाख रुपए से कम है। जावड़ेकर ने कहा कि राज्यों से परामर्श करने के बाद, सार्वजनिक शिक्षा में सुधार के लिए तीन मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करने का निर्णय लिया गया है। इनमें सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और टीचर एजुकेशन (TE) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि “ब्लैकबोर्ड के बजाय डिजिटल बोर्ड होगा ताकि क्वालिटी एजुकेशन दी जा सके। हमने इसके लिए एक समिति बनाई है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।”
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर-पूर्व के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट ने लिया। उन्होंने कहा “पिछले कुछ साल में, पूर्वोत्तर का जितना विकास हुआ है इतना पूर्वोत्तर के लिए पहले कभी नहीं किया गया है।” जितेंद्र सिंह ने कहा कि अभी चल रही परियोजनाएं पुराने फार्मूला के अनुसार होंगी और नई परियोजनाएं पूरी तरह से केंद्र द्वारा वित्त पोषित होंगी। “हमने ‘ऑर्फन’ सड़कों के लिए उत्तर-पूर्व सड़क विकास योजना की भी घोषणा की है। 100% फंडिंग के कुछ क्षेत्रों जैसे बांस, क्षेत्रीय पर्यटन, उच्च शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।”