महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व चेयरमैन केशब महिंद्रा का बुधवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया। INSPACe के अध्यक्ष पवन के गोयनका ने ट्विटर पोस्ट करके इसकी पुष्टि की है। उन्होंने केशब महिंद्रा को श्रद्धांजलि दी।
केशब महिंद्रा ने 1963 से 2012 तक महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह अगस्त 2012 में रिटायर हो गए थे, जिसके बाद उनके भतीजे आनंद महिंद्रा ने कंपनी की कमान संभाल ली। वह 1948 में कंपनी के बोर्ड में शामिल हुए और 1963 में अध्यक्ष चुने गए। दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि डेबिट कार्ड लेनदेन 20 प्रतिशत घटकर 220 मिलियन हो गया है।
उनकी अध्यक्षता के 48 सालों के दौरान, महिंद्रा समूह ऑटोमोबाइल के एक निर्माता से बढ़कर व्यवसायों की एक श्रृंखला में काम करने वाली कंपनियों का एक संघ बन गया, जिसमें ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, ऑटो घटक, आईटी, रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाएं और आतिथ्य शामिल हैं। उन्होंने महिंद्रा ग्रुप के विविधीकरण में एक अभिन्न भूमिका निभाई। हालांकि, 19 बिलियन डॉलर का समूह अब अपने ट्रैक्टरों और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर सेवाओं, आतिथ्य और रियल एस्टेट में भी इसकी उपस्थिति है।
गोयनका नेअपने ट्वीट में कहा, “इंडस्ट्रियल वर्ल्ड की सबसे बड़ी हस्तियों में से एक को आज खो दिया है। श्री केशब महिंद्रा का कोई मुकाबला नहीं, सबसे अच्छे व्यक्ति को जानने का मुझे सौभाग्य मिला। मैं हमेशा उनके साथ एमटीजीएस के लिए तत्पर रहता था और जिस तरह से वह व्यवसाय, अर्थशास्त्र और सामाजिक मामलों को जोड़ते थे उससे मैं प्रेरित था। ओम शांति।” रेमंड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया और इंफोसिस बोर्ड के पूर्व सदस्य मोहनदास पई ने भी दिग्गज उद्योगपति को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “केशबजी ने लगभग पांच दशकों तक महिंद्रा समूह के विकास का मार्गदर्शन करते हुए एक शानदार जीवन जिया। अपने प्यारे व्यक्तित्व के साथ, वह कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को पार कर सकते थे। महिंद्रा समूह के परिवार, कर्मचारियों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। RIP केशब महिंद्रा।”
