LIC IPO, LIC stake sale: एलआईसी के एक हिस्से को शेयर बाजार में बेचने की सरकार की घोषणा के खिलाफ मंगलवार को कर्मचारी यूनियन एक घंटे की वॉकआउट स्ट्राइक यानी कामकाज बंद करेगी। कर्मचारी यूनियन ने कहा कि उसके सभी सदस्य मंगलवार को देश के सभी एलआईसी दफ्तरों में एक घंटे के लिए वॉकआउट करेंगे। देश की सबसे बड़ी और सार्वजनिक बीमा कंपनी की हिस्सेदारी का आईपीओ लाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट के दौरान किया था। इस घोषणा के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने भी संसद में हंगामा किया था और इसे लोगों की भविष्य की पूंजी को दांव पर लगाने वाला कदम बताया था।

निर्मला सीतारमण ने कहा था कि फिलहाल सरकार की भारतीय जीवन बीमा निगम में 100 फीसदी की हिस्सेदारी है, लेकिन इसके एक छोटे हिस्से को आईपीओ लाकर बेचा जाएगा। एलआईसी की कर्मचारी यूनियन ने बयान जारी कर कहा, ‘सरकार की घोषणा के विरोध में कर्मचारी यूनियन एक घंटे का विरोध प्रदर्शन करेगी और इसके तहत 1 घंटे का वॉकआउट करेगी।’

5 करोड़ से 53,000 करोड़ तक पहुंची है LIC: एलआईसी एंप्लॉयीज यूनियन ने कहा कि एलआईसी को शेयर बाजार में बेचा जाना देश हित के खिलाफ है। यूनियन ने कहा कि एलआईसी का हमेशा से देश के निर्माण में अहम योगदान रहा है। यूनियन ने कहा कि एलआईसी ने अपने कारोबार के मामले में 5 करोड़ के कैपिटेल बेस से शुरुआत कर अब तक 53,211 करोड़ रुपये तक की वैलूएशन सरप्लस बनाई है। कंपनी के पास 28.28 लाख करोड़ रुपये का लाइफ फंड है, जबकि 31.11 लाख करोड़ का एसेट अंडर मैनेजमेंट है। यह सफर कंपनी ने बिना किसी निजीकरण के ही तय किया है।

… तो सेवा की बजाय मुनाफे पर फोकस करेगी LIC: कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि देश की सबसे बड़ी वित्तीय संस्थाओं में से एक एलआईसी के निजीकरण का कोई भी कदम आम आदमी के भरोसे को कम करेगा। इससे हमारी आर्थिक संप्रभुता को भी चोट पहुंचेगी। सरकार के कदम का विरोध करते हुए यूनियन ने कहा कि एलआईसी का मकसद कम कीमत पर सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को इंश्योरेंस कवरेज देना है। उसके निजीकरण से कंपनी के उद्देश्य प्रभावित होंगे और वह सेवा की बजाय मुनाफे पर फोकस करने वाली कंपनी बन जाएगी।