देश की सरकारी और सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी आज 65 साल की हो गई है। 1 सितंबर, 1956 को केंद्र सरकार ने 5 करोड़ रुपये की लागत से इस कंपनी की शुरुआत की थी। कई कंपनियों के विलय के बाद तैयार एलआईसी ने 65 सालों के अपने सफर में ग्राहकों का भरोसा जीतने के साथ ही आम लोगों को सुरक्षित भविष्य की गारंटी देने का भी काम किया है। महज 5 करोड़ रुपये के निवेश से शुरू हुई एलआईसी की कुल एसेट्स 31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। बीमा कारोबार से बाहर निकलते हुए कंपनी ने कई अन्य वित्तीय संस्थाओं में भी बड़े पैमाने पर निवेश किया है। आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, एलआईसी पेंशन फंड, एलआईसी फ्यूचुअल फंड, एलआईसी कार्ड्स सर्विसेज लिमिटेड, एलआईसी HFL केयर होम्स लिमिटेड में एलआईसी का निवेश है।
हालांकि एलआईसी से जुड़े एक घोटाले ने देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की सरकार को हिला दिया था। नेहरू को अपने दामाद फिरोज गांधी के विरोध का सामाना करना पड़ा था। यहां तक एलआईसी से जुड़े मुंदड़ा घोटाले के चलते उन्हें अपने वित्त मंत्री टी.टी. कृष्णामचारी को पद से भी हटाना पड़ा था। दरअसल एलआईसी ने कोलकाता के कारोबारी और शेयर मार्केट के जानकार हरिदास मुंदड़ा की नॉन परफॉर्मिंग कंपनी के 1.26 लाख रुपए के शेयर खरीद लिए थे। इसके चलते बीमा कंपनी को करीब 37 लाख रुपये का घाटा हुआ। शेयरों की खरीद में भी अनियमितता देखी गई और यहां तक कि दूसरी किसी कंपनी को मौका नहीं दिया गया। बताया जाता है कि मंत्रालय स्तर पर सेटिंग के कारण मुंदड़ा यह डील करने में कामयाब रहे, जिसकी आंच आखिरकार नेहरू कैबिनेट पर पड़ी।
13 लाख लोगों को मिला रोजगार: ध्येय वाक्य योगक्षेमं वहाम्यहम यानी ‘आपका कल्याण ही हमारी जिम्मेदारी है’ की भावना के साथ काम करने वाली एलआईसी देश में सबसे बड़ी निवेशक कंपनी है। फिलहाल देश भर में एलआईसी के 8 जोनल ऑफिस हैं और 113 संभागीय दफ्तर हैं। इसके अलावा 74 कस्टमर जोन में 2048 ब्रांच ऑफिस के साथ कंपनी काम करती है। यही नहीं कंपनी ने 1526 सैटेलाइट ऑफिस भी स्थापित किए हैं। रोजगार के मामले में भी एलआईसी अग्रणी कंपनी है, जिसमें एक लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। यही नहीं 12 लाख एजेंट कंपनी से जुड़कर बीमा पॉलिसियां बेचने का काम करते हैं। फिलहाल कंपनी देश भर में 28.92 करोड़ बीमा पॉलिसियां चला रही है।
2019-20 में मिली 25 पर्सेंट ग्रोथ: टर्म इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस समेत 28 पॉलिसीज कंपनी बेच रही है। भले ही सरकार इन दिनों बैंकों से लेकर तमाम पीएसयू कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को बेचने में जुटी है, लेकिन इस दौर में भी एलआईसी पर उसका भरोसा कायम है। एलआईसी न सिर्फ भरोसे के साथ काम कर रही है बल्कि अब भी तेजी से ग्रोथ हासिल कर रही है। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की ही बात करें तो कंपनी को पहले साल की प्रीमियम के मामले में 25.17 पर्सेंट की ग्रोथ हासिल हुई थी। 31 मार्च, 2020 तक कंपनी को पहले साल की प्रीमियम के तौर पर 1.78 लाख करोड़ रुपये मिले थे।