जीवन बीमा निगम (LIC) ने सरकारी क्षेत्र के बैंकों (पब्लिक सेक्टर बैंक्स या पीएसबी) में जो पैसा लगा रखा है, उसकी वैल्यू 1 जनवरी, 2016 की तुलना में 30 फीसदी कम हो गई है। बता दें कि इन बैंकों में सरकार के बाद सबसे ज्यादा पैसा LIC का ही लगा है। हालांकि, एलआईसी अभी भी पीएसबी में पैसा लगाना जारी रखेगा। दिसंबर, 2015 तक 27 बैंकों में एलआईसी की 1 फीसदी से थोड़ी ज्यादा हिस्सेदारी थी। तब इन बैंकों में एलआईसी के शेयरों का मूल्य 36,037 करोड़ रुपए था। अब इसकी कीमत करीब 31 फीसदी घट कर 11,107 करोड़ रुपए रह गई है।

इस बीच, सरकार बैंकिंग क्षेत्र में सुधार से जुड़ी कई घोषणाएं करने जा रही है। इनमें सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी घटा कर 51 फीसदी करना भी शामिल होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को यह बात कही। सरकारी बैंकों की हालत खस्ता हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण फंसा हुआ कर्ज है। करीब 1.14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज फंसा हुआ है। यह कर्ज अगर बैंकों को चुकाना पड़े तो उनकी कुल जमा पूंजी और अचल संपत्ति का एक-तिहाई इसमें खर्च हो जाएगा।