वैसे तो भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की कई स्कीम काफी पॉप्युलर हैं, लेकिन LIC Group Leave Encashment प्लान की एक खास पहचान है।
क्या है स्कीम: इस प्लान के तहत कंपनी अपने कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट फैसलिटी देती है। इस स्कीम के तहत लाइफ कवर बेनिफिट भी दी जाती है। इस प्लान के लिए मिनिमम एंट्री एज यानी कि कम से कम 18 साल का कोई व्यक्ति इस पॉलिसी का लाभ ले सकता है। इसकी मैक्सिमम एंट्री एज 75 साल है। मतलब 75 साल की उम्र तक का कोई भी कर्मचारी इस योजना का लाभ ले सकता है।
अगर प्लान लेने के लिए कंट्रीब्यूशन की बात करें तो कम से कम 10 हजार रुपये जमा करने होंगे। इसके अलावा स्कीम रूल्स के मुताबिक रिस्क प्रीमियर भी चुकाना होगा जो लाइफ कवर बेनिफिट के लिए जरूरी है। इस प्लान की मैक्सिमम मैच्योरिटी एज 80 साल निर्धारित है। इस पॉलिसी टर्म को साल भर पर रिन्यू कराया जा सकता है।
बता दें कि इस पॉलिसी में लोन की सुविधा तो नहीं मिलती है लेकिन टैक्स के दायरे में आती है। प्लान में डेथ बेनिफिट भी है। उदाहरण के लिए नॉर्मल रिटायरमेंट उम्र से पहले ग्रुप मेंबर की मृत्यु हो जाने पर नॉमिनी को बीमित राशि के अलावा लीव इनकैशमेंट की राशि मिलती है।
प्लान की डिटेल जानकारी के लिए आप https://licindia.in/Group-Schemes/Group-Scheme/pav लिंक पर विजिट कर सकते हैं। इस लिंक पर जाकर स्कीम की सारी शर्ते और नियम की जानकारी ली जा सकती है।
बीमा कंपनियां देंगी डिजिलॉकर सुविधा: इस बीच, बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों से अपने पॉलिसीधारकों को डिजिटल पॉलिसी जारी करने और इनका उपयोग करने का तरीका बताने को कहा है। नियामक ने कहा कि यह कदम न सिर्फ लागत कम करेगा बल्कि दावे को निपटाने की प्रक्रिया भी तेज करेगा।
भारतीय बीमा विनियामक प्राधिकरण (इरडा) के सर्कुलर के मुताबिक डिजिलॉकर लागत में कटौती करेगा। यह पॉलिसी कॉपी की डिलीवरी न होने से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने, बीमा सेवाओं के तेज प्रसंस्करण, शीघ्रता से दावों के निपटान, विवादों में कमी, धोखाधड़ी पर लगाम, उपभोक्ताओं तक बेहतर पहुंच समेत कई सुधारों का मार्ग प्रशस्त करेगा।