वाट्स ऐप जैसे इंटरनेट आधारित एप्लीकेशन से की गई घरेलू कॉल को फोन कॉल सेवाओं के बराबर लाने के बारे में एक पैनल के दिए प्रस्ताव के कुछ ही दिन बाद वाम दलों ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि वह तय करे कि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ कोई भेदभाव न हो।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि वह संसद के मॉनसून सत्र में यह मुद्दा उठाएगी जबकि माकपा ने कहा कि सरकार को भेदभाव रहित सेवाएं तय करनी चाहिए। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि सिद्धांतत: हम ‘नेट तटस्थता’ के पक्ष में हैं। पैनल ने जो सिफारिश की है, उससे इंटरनेट उपयोगकर्ताओं पर असर पड़ सकता है। ये तकनीकी मामले हैं और हमें उपभोक्ता के हित में इनकी समीक्षा करनी चाहिए। संसद के मानसून सत्र में हम निश्चित तौर पर ये मुद्दा उठाएंगे।

माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने राजा की बात का समर्थन करते हुए कहा कि यूनिवर्सल सेवाओं तक सबकी पहुंची होनी चाहिए। ‘नेट तटस्थता’ पर दूरसंचार विभाग के पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी घरेलू कालों का नियमन करने का प्रस्ताव किया है, जो स्काइप, वाट्स ऐप और वाइबर जैसे इंटरनेट आधारित एप्लीकेशन के जरिए की जाती हैं। इन कॉलों को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की ओर से पेश की जाने वाली फोन कॉल सेवाओं के बराबर लाने की बात रिपोर्ट में कही गई है।