देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने रिलायंस में 2005 में बंटवारे के बाद से अब तक मुकेश अंबानी और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी 15 साल का लंबा सफर तय कर चुके हैं। इस बीच जहां मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड देश की सबसे ज्यादा पूंजी वाली कंपनी बन गई है तो अनिल अंबानी दिवालिया होने की कगार पर हैं। हाल ही में एक मुकदमे के दौरान उन्होंने यहां तक दावा किया था कि उनकी नेटवर्थ जीरो है। कभी पिता धीरूभाई अंबानी के नेतृत्व में साथ मिलकर ग्रुप को आगे बढ़ाने वाले दोनों भाईयों में अचानक ही विवाद उभर आया था। आइए जानते हैं, किस वजह से दोनों भाईयों में बढ़ती गई दूरी…
रिलायंस के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की 2002 में अचानक ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। महज 69 साल के धीरूभाई अपनी विरासत को लेकर कोई प्लान तैयार करके नहीं गए थे। उनके रहते कभी दोनों भाईयों के बीच विवाद सामने नहीं आया, लेकिन धीरूभाई के निधन के बाद ही दोनों के बीच मतभेद उभरते दिखे। धीरूभाई के बाद खुद दोनों भाईयों ने ही आपसी सहमति से पदों का बंटवारा कर लिया था। मुकेश अंबानी ग्रुप के चेयरमैन बन गए तो अनिल वाइस चेयरमैन के तौर पर काम संभालने लगे।
दोनों के बीच यह सामंजस्य ज्यादा दिनों तक बरकरार नहीं रह सका और तनाव उभर गया। रिलायंस के करीबी सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों यह मानते थे कि उनकी सहमति के बिना ही दूसरे भाई ने फैसला ले लिया है। दोनों के बीच संवाद की कमी थी। इसी बीच अनिल अंबानी ने एक पावर जनरेशन प्रोजेक्ट का ऐलान कर दिया। यह काम मुकेश अंबानी की सहमति के बिना ही लिया गया था और इससे उन्हें झटका लगा। अब मुकेश अंबानी की बारी थी और उन्होंने रिलायंस ग्रुप की कई कंपनियों का पुनर्गठन करने का फैसला ले लिया। यहीं से दोनों के बीच तनाव गहरा गया। मुकेश अंबानी खुद को बॉस मानते थे, जबकि अनिल अंबानी खुद को बराबर का हिस्सेदार ही मानते थे।
इस बीच 2004 में दोनों के बीच विवाद खुले तौर पर सामने आ गया। धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद रिलायंस के बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित किया था कि चेयरमैन के पास पूरी अथॉरिटी होगी। अनिल अंबानी ने इसे अपमान के तौर पर देखा था। इसके बाद जब टकराव तेज हुआ तो अनिल अंबानी ने रिलायंस की फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स पर साइन तक करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनकी मां कोकिलाबेन ने दखल दिया और कुछ पारिवारिक करीबियों के जरिए पूरे रिलायंस के साम्राज्य का दोनों भाईयों के बीच बंटवारा हुआ। भले ही दोनों तब बराबर के प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन आज मुकेश अंबानी कारोबार के अर्श पर हैं तो अनिल अंबानी फर्श पर आते दिख रहे हैं।
