दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आंतरिक दस्तावेजों (Amazon Internal Documents) में भारत में गलत तरीके से अपने प्रोडक्ट को प्रोमोट करने की बात का खुलासा होने के बाद अमेजन की चौतरफा आलोचना हो रही है। भारत में रिटेलर सरकार से बेजोस की कंपनी की जांच कराने की मांग उठा रहे हैं। इस बीच अमेरिका में एक सांसद ने अमेजन कंपनी के टुकड़े करने की मांग उठा दी है।
Amazon पर अन्य सेलर के प्रोडक्ट की नकल करने का आरोप
रॉयटर्स ने खुलासा किया था कि अमेजन ने भारत में न सिर्फ प्रोडक्ट की नकल की, बल्कि सर्च के रिजल्ट को भी प्रभावित किया। अमेजन के हजारों इंटरनल डॉक्यूमेंट्स का रीव्यू करने के बाद पाया गया कि कंपनी ने अपने प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए सर्च के रिजल्ट को सिस्टमेटिक तरीके से प्रभावित किया। इतना ही नहीं, अमेजन ने अन्य सेलर के प्रोडक्ट की नकल कर अपने प्रोडक्ट भी तैयार किए और अपने प्लेटफॉर्म पर उन्हें बेचा। कंपनी ने इसके लिए बाकायदा औपचारिक रणनीति तैयार की थी।
अमेरिकी सांसद ने उठाई अमेजन इंक के टुकड़े करने की मांग
अमेरिका की प्रभावशाली सांसद एलिजाबेथ वारेन ने अमेजन से जुड़ी इस रिपोर्ट को साझा करते हुए ट्विटर पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जिस बात का डर था, इन डॉक्यूमेंट्स ने उसे सच साबित कर दिया। अमेजन अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग कर रही है। कंपनी ने मोनोपॉली करते हुए अपने प्लेटफॉर्म पर छोटे व्यवसायों और उद्यमियों से ग्राहक छीने हैं। यह उन कई कारणों में एक है, जिसे लेकर हम चाहते हैं कि अमेजन इंक के टुकड़े किए जाने की जरूरत है।
फेसबुक को भी छोटी-छोटी कंपनियों में बांटने की उठती रही है मांग
यह पहली बार नहीं है कि जब किसी कंपनी के टुकड़े करने की मांग उठी है। इससे पहले मोनोपॉली की आशंका को लेकर फेसबुक के भी टुकड़े करने की मांग उठती रही है। इस मांग के पैरोकारों का कहना है कि ये बड़ी कंपनियां अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर नीतियां तक प्रभावित करने लगी हैं। कुछ कंपनियां इतनी बड़ी हो गई हैं कि वे अपने आप को देश से ऊपर समझने लगी हैं। इन्हें नीतियों और नियमों के दायरे में रखने के लिए छोटी-छोटी कंपनियों में तोड़ने की जरूरत है। उस समय फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग समेत कई लोगों को अमेरिकी संसद की सुनवाई में पेश होना पड़ा था।
अमेजन के खिलाफ सरकारी जांच चाहते हैं इंडियन रिटेलर
इस बीच भारत में अमेजन के खिलाफ जांच की मांग तेज हो गई है। खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का आरोप है कि अमेजन छोटे व्यवसायियों का हक मार रही है। कैट लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि अमेजन और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अनुचित तरीके अपनाती हैं। इससे छोटी कंपनियों और खुदरा दुकानदारों को नुकसान होता है।
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अमेजन ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
हालांकि अमेजन ने इन आरोपों को खारिज किया है। अमेजन का कहना है कि सर्च के रिजल्ट को प्रभावित करने की बात बेबुनियाद है। सर्च के रिजल्ट में वही प्रोडक्ट दिखाए जाते हैं, जिन्हें यूजर खोज रहे होते हैं।