तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र से रखरखाव संबंधी कार्य से गुजर रही कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र की पहली इकाई में फिर से उत्पादन शुरू करने और माओवाद को निष्प्रभावी बनाने के लिए दक्षिणी राज्यों के बीच समन्वित कार्रवाई की शनिवार को मांग की।

विजयवाड़ा में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में चल रही 26वीं दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने केंद्र का ध्यान कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की ओर और पड़ोसी राज्यों का ध्यान माओवादियों का मुकाबला करने के लिए समन्वित कार्रवाई की जरूरत की ओर आकृष्ट किया। कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र में पिछले साल 31 दिसंबर को वाणिज्यिक परिचालन शुरू हुआ था और इस साल 24 जून को रखरखाव संबंधी कार्य को लेकर उसे बंद कर दिया गया।

जयललिता ने कहा, ‘भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआइएल) से इस बात का स्पष्ट संकेत मिलना अभी बाकी है कि कब कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र इकाई एक में उत्पादन फिर शुरू होगा’। मुख्यमंत्री का भाषण तमिलनाडु के वित्त मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने पढ़कर सुनाया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसलिए, हम अनुरोध करते हैं कि तमिलनाडु की ग्रिड मांग की पूर्ति के लिए एनपीसीआइएल को कुडनकुलम इकाई एक में उत्पादन फिर से शुरू करने का निर्देश दिया जाए’।

तमिलनाडु को कुडनकुलम संयंत्र की पहली इकाई से उत्पादित 1000 मेगावाट से 563 मेगावाट बिजली आबंटित की गई थी। जयललिता ने कहा, ‘राज्य को बताया गया है कि कुडनकुलम इकाई दो चालू होने संबंधी गतिविधियों के अंतिम चरणों में है’। उन्होंने कहा, ‘हम केंद्र से इकाई दो में वाणिज्यिक परिचालन जल्द से शुरू करने का भी अनुरोध करते हैं ताकि 563 मेगावाट अतिरिक्त बिजली यथाशीघ्र तमिलनाडु के ग्रिड में जोड़ी जा सके’। तमिलनाडु-केरल-कर्नाटक के मिलते क्षेत्र (तमिलनाडु के नीलगिरि जिले समेत तीनों राज्यों के अंतर्गत आने वाले पश्चिम घाट)में माओवादियों की गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु इस बुराई पर काबू पाने के लिए अग्र सक्रिय कदम उठा रहा है।

जयललिता ने कहा, ‘त्रिराज्यीय क्षेत्र में 2013 से माओवादी गतिविधियां देखी गई हैं और तमिलनाडु इस बुराई पर काबू पाने के लिए जबर्दस्त कदम उठा रहा है’। सुरक्षा और विकास के मोर्चों पर इन तीनों राज्यों के ‘संगठित व समन्वित कार्रवाई’ पर बल देते हुए उन्होंने कहा, ‘इससे यह तय होगा कि माओवादी गतिविधि इस इलाके में अपना पैर नहीं जमा सके’।