इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर फाइल के बाद आयकर विभाग इन आवेदनों को प्रोसेस करता है। वक्त पर आईटीआर भरने के बाद अभी भी करोड़ों आईटीआर फार्म प्रोसेस किए जाने हैं। दरअसल प्रोसेसिंग के बाद ही आयकर विभाग रिफंड जारी करता है। इस बार असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई थी। इस तारीख तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ टैक्सपेयर्स अपना टैक्स रिटर्न भर चुके हैं। बताया जा रहा है कि तकनीकि सुधार के कारण आईटीआर की प्रोसेसिंग में तेजी आई है लेकिन अभी भी करोड़ों करदाताओं को अपने रिटर्न के प्रोसेस होने का इतंजार है।
आमतौर जब समय से टैक्स रिटर्न फाइल कर दी जाती है, तो उसके बाद से ही आईटीआर प्रोसेसिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू हो जाया करती है। और रिटर्न के प्रोसेस होने का करदाताओं को बेसब्री से इंतजार रहता हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि रिटर्न की प्रासेसिंंग के बाद 4 से 5 हफ्ते में ज्यादातर करदाताओं के रिफंड आ जाते हैं। वहीं रिटर्न की प्रोसेसिंग पूरी होने पर आयकर विभाग द्वारा इसकी जानकारी करदाता को भी भेज दी जाती है। ये जानकारी उनके रजिस्टर्ड ईमेल पर भेजी जाती है। साथ ही पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भी एक अलर्ट आती है. जिसके जरिए करदाता को सूचित किया जाता है कि पंजीकृत ईमेल आईडी पर रिफंड से जुड़ी जानकारी भेज दी गई है। करदाता चाहे तो समय-समय पर ई-फाइलिंग पोर्टल को एक्सेस करके अपने करेंट स्टेटस को देख सकते हैं।
टैक्स रिटर्न की प्रोससिंग के बाद रिफंड और इस तरह की अन्य जानकारी करदाताओं को रजिस्टर्ड मेल पर आयकर विभाग द्वारा सेक्शन 143(1) के तहत भेजी जाती है। जिसे इंटिमेशन नोटिस कहा जाता है. इस नोटिस में आई जानकारी में अगर आपको कैलकुलेशन या डेटा या कोई अन्य गड़बड़ी समझ आ रही है और इससे जो आपको रिफंड मिलने चाहिए उससे कम आने की बात सामने आ रही है तो ऐसे में पूरा रिफंड हासिल करने क्या विकल्प मौजूद है? आइए जानते हैं इसके बारे में..
इंटिमेशन नोटिस में गड़बड़ी मिलने पर करें ये काम
टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग के बाद रिफंड आने में 3 से 4 हफ्ते का समय लग जाता है। रिफंड आने से पहले आयकर विभाग द्वारा करदाताओं को धारा 143(1) के तहत इंटिमेशन नोटिस में रिफंड से जुड़ी जानकारी प्रोसेसिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही भेज दी जाती है। करदाताओं को चाहिए कि उनके मेल पर जैसे ही इंटिमेशन नोटिस आए उसमें दिए गए सभी डिटेल को बारीकी से चेक कर लें। अगर उसमें कोई खामी रह गई है तो बिना देर किए आयकर विभाग से सुधार के लिए रिक्वेस्ट करें. इनकम टैक्स की धारा 154 के तहत गड़बड़ी में सुधार के लिए रिक्वेस्ट (rectification request) का प्रावधान है। यानी वे फौरन रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक धारा 143(1) के तहत जारी इंटिमेशन नोटिस में या सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर यानी सीपीसी द्वारा पारित धारा 154 के तहत आर्डर में रिकॉर्ड से कोई गलती हुई है तो सुधार के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिक्वेस्ट किया जा सकता है। ये विकल्प करदाता को आयकर विभाग द्वारा टैक्स रिटर्न में रिकॉर्ड से स्पष्ट गलती को सुधारने के लिए दिया जाता है।
अगर सीपीसी द्वारा धारा 143(1) के तहत जारी इंटिमेशन नोटिस या टैक्सपेयर्स के क्षेत्राधिकार निर्धारण अधिकारी यानी एओ (AO) द्वारा धारा 154 के तहत पारित आर्डर में आपको अधिसूचित किए गए टैक्स रिटर्न में रिकॉर्ड से कोई गलती नजर आती है, तो ऐसे में सुधार के लिए रिक्वेस्ट करने की जरूरत है। सुधार रिक्वेस्ट सिर्फ उन रिटर्न के लिए पेश किए जा सकते हैं जो पहले से ही सीपीसी द्वारा प्रोसेस किए जा चुके हैं।
बता दें कि करदाताओं का आईटीआर फार्म सबसे पहले सीपीसी (CPC) में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कलेक्ट किया जाता है। रिफंड की प्रोसेसिंग के बाद आईआरएस (IRS) आयकर की धारा 143 (1) के तहत करदाताओं को निष्कर्षों की जानकारी देते हुए एक इंटिमेशन नोटिस भेजता है।
इसके अलावा प्रोसेसिंग के दौरान फार्म में डेटा या अन्य से जुड़ी कोई गड़बड़ी जैसे कम या अधिक टैक्स भरने की स्थिति में भी टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग से इंटिमेशन नोटिस मिलते हैं। मिसाल के लिए आमदनी के हिसाब अगर टैक्सपेयर्स को 90 हजार रुपये टैक्स भरना था लेकिन उसने 70 हजार रुपये ही जमा किए तो ऐसे में बकाया रकम जमा करने के लिए आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है। कम टैक्स जमा करने के मामले में ये नोटिस करदाता को आ सकता है ताकि वह बकाया रकम चुका सके। अगर आपको कम टैक्स भरने से जुड़ा नोटिस आया है, तो टैक्स की बकाया रकम जमा कर दें। ऐसा करके आप खुद को नुकसान से बचा सकते हैं।
अगर करदाता अपनी टैक्स देनदारी से अधिक रकम जमा कर देता हैं तो ऐसी स्थिति में भी आयकर विभाग उसको इंटिमेशन नोटिस भेजता है. टैक्स रिटर्न प्रोसेसिंग के बाद विभाग द्वारा भेजी गई जानकारी के कुछ हफ्ते बाद आपके लिंक खाते में टैक्स देनदारी से अधिक रकम रिफंड के रूप में लौटा (tax refund) भी दिए जाते हैं।
इन तरीकों से कर सकते हैं रिक्वेस्ट
आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार करदाता तीन तरीके के सुधार के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर वे अप्लाई कर सकते हैं या फिर ऑफलाइन माध्यम से भी आयकर विभाग को सुधार के लिए रिक्वेस्ट भेज सकते हैं।
रिटर्न को दोबारा प्रोसेस करें
टैक्स क्रेडिट मिसमैच करेक्शन
रिटर्न डेटा करेक्शन (ऑफलाइन)