भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने आने वाले आम बजट में साफ्टवेयर उत्पादों पर दोहरे कराधान से राहत मांगी है साथ ही वैश्विक बाजारों में उठाए जा रहे संरक्षणवादी कदमों के मद्देनजर इस उद्योग को बचाने की जरूरत बताई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आईटी उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व चर्चा की। नासकाम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया- हमने साफ्टवेयर उत्पादों पर दोहरे कराधान के बारे में अपनी चिंताओं को उठाया। जीएसटी से इसका समाधान होगा इसलिए हमने सुझाव दिया है कि जीएसटी के कार्यान्वयन तक इस मुद्दे के समाधान के लिए कदम उठाए जाएं।

उल्लेखनीय है कि इंटरनेट से डाउनलोड किए जाने वाले विदेशी स्रोत वाले साफ्टवेयर पर सेवा कर लगाती है जबकि घरेलू स्तर पर खरीदे जाने वाले साफ्टवेयर पर वैट व सेवाकर दोनों लगते हैं। आइटी उद्योग ने सरकार से दोनों के लिए समान स्तर उपलब्ध कराने की मांग की है। बैठक में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, विप्रो व एचसीएल सहित प्रमुख आईटी कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। चंद्रशेखर ने कहा- भारतीय आइटी क्षेत्र के लिए बड़ा मुद्दा कुछ बड़े बाजारों में उठाए जा रहे संरक्षणवादी कदमों के मद्देनजर प्रतिस्पर्धी बने रहना है।