भारतीय रेलवे को फंड मुहैया कराने वाली सरकारी कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) को पैसों की जरूरत है। इसके लिए सरकार ने IRFC के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का रास्ता अपनाया है। आईपीओ के जरिए सरकार करीब 4,600 करोड़ रुपये जुटाएगी।
दरअसल, आईपीओ वो रास्ता होता है जिसके जरिए कंपनियां अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर पैसे जुटाती हैं। चूंकि IRFC सावर्जनिक क्षेत्र की कंपनी है तो सरकार इसमें अपनी 59.40 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेचेगी। आईपीओ के बाद कंपनी भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड हो जाएगी। आपको यहां बता दें कि यह सार्वजनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का पहला आईपीओ होगा।
कब आएगा आईपीओ: काफी हद तक संभावना है कि यह आईपीओ इस महीने के तीसरे सप्ताह तक आएगा। लेकिन बाजार परिस्थितियां अच्छी नहीं रहती हैं, तो जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में आने की उम्मीद की जा सकती है। इस आईपीओ के जरिए IRFC आम निवेशकों के अलावा एंकर निवेशकों से भी पैसा जुटाएगी। एंकर निवेशक संस्थागत निवेशक होते हैं, जिन्हें आईपीओ ओपन होने से पहले ही शेयरों की खरीदारी का ऑफर दिया जाता है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब भारतीय रेलवे की कोई कंपनी आईपीओ लाने या लिस्टेड होने जा रही है। इससे पहले पिछले साल भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने भी आईपीओ लॉन्च किया था। इसे शेयर बाजार में निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया। आज आईआरसीटीसी शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी है।
आपको यहां बता दें कि केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2017 में रेलवे की पांच कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्टेड करने को मंजूरी दी थी। इनमें से इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, राइट्स लिमिटेड, रेलवे विकास निगम लिमिटेड और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) पहले ही शेयर बाजार में लिस्टेड हो चुकी हैं।