Arogya Sanjeevani Policy, Health insurance: बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा ने देश में स्वास्थ्य बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिये स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलाव किया है।
क्या हुआ है बदलाव: दरअसल, ‘आरोग्य संजीवनी’ में न्यूनतम सीमा को कम करके 50 हजार रुपये और अधिकतम सीमा को और बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया है। बता दें कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने पिछले साल जुलाई में आरोग्य संजीवनी स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर दिशानिर्देश जारी किये थे। इसमें बीमा कंपनियों को न्यूनतम एक लाख रुपये और अधिकतम पांच लाख रुपये तक का अनिवार्य बीमा कवर देने को कहा गया था।
इरडा ने क्या कहा: इरडा ने साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को जारी एक सर्कुलर में अब कहा है, ‘‘आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (Arogya Sanjeevani Policy) के तहत उपलब्ध कवरेज को बढ़ाने के लिये मौजूदा दिशानिर्देशों में आंशिक सुधार करते हुये अब बीमा कंपनियों कोआरोग्य संजीवनी मानक उत्पाद के तहत एक मई 2021 से अनिवार्य रूप से कम से कम 50 हजार रुपये और अधिकतम दस लाख रुपये का बीमा कवर देना होगा।’’
हालांकि, इरडा ने कहा है कि सुधार वाले नये दिशानिर्देश दो विशिष्ट सरकारी साधारण बीमा कंपनियों ईसीजीसी और एआईसी (LIC) पर लागू नहीं होंगे। भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड (एआईसी) कृषि क्षेत्र के लिये हैं जबकि ईसीजीसी निर्यात रिण गारंटी कंपनी है जो कि निर्यातकों को समर्थन देती है।
क्या होता है कवर: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने, भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च, आयुष इलाज और मोतियाबिंद का इलाज कवर होता है। यह एक मानक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है जिसमें पॉलिसीधारक की मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है।
इस बीच, कोरोना महामारी के दौरान अपने पॉलिसीधारकों की परेशानी को कम करने के लिये जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने एक अहम कदम उठाया है। पॉलिसीधारक पॉलिसी की मैच्योरिटी पर दावा करने के दस्तावेज देशभर में अपने निकट के किसी भी एलआईसी कार्यालय में महीने के अंत तक जमा करा सकते हैं।
एलआईसी ने कहा है कि यह सुविधा फिलहाल परीक्षण के तौर पर शुरू की गई है और तुरंत प्रभाव से अमल में आ गई है। यह सुविधा 31 मार्च को समाप्त हो रही है।

