Infosys: मून लाइटनिंग यानी वर्क फ्रॉम होम के दौरान कंपनी के अलावा दूसरे काम करने को लेकर इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी जारी की है। कंपनी ने कर्मचारियों को मेल भेजकर मून लाइटनिंग की अनुमति के लिए साफ इन्कार किया है और अगर कोई कर्मचारी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने ‘नो टू-टाइमिंग, नो मून लाइटनिंग’ सब्जेक्ट के साथ कर्मचारियों को मेल भेजा है। इस मेल में यह भी कहा गया है कि इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिसके तहत नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है। इंफोसिस ने कहा कि कर्मचारी ऑफिस टाइमिंग में या उसके बाद अन्य कार्य (मून लाइटनिंग) नहीं कर सकते हैं।

इन्फोसिस के ईमेल में कहा गया कि कर्मचारियों के ऑफर लेटर में यह साफ है कि आप इंफोसिस की सहमति के बिना किसी भी तरह किसी अन्य संगठन/संस्था के निदेशक/भागीदार/सदस्य/कर्मचारी के रूप में फुल टाइम या पार्ट टाइम के लिए नहीं जुड़ सकते हैं। मेल में कहा गया कि कंपनी किसी भी नियम और शर्तों के अधीन अनुमति दे सकती है और किसी भी समय वापस भी ले सकती है।

इससे पहले विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने टेक इंडस्ट्री में मून लाइटनिंग को धोखेबाजी बताया था। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था, “टेक इंडस्ट्री में लोगों के अपनी कंपनी के काम के अलावा दूसरे काम भी करने को लेकर काफी चर्चा है। साफ है कि यह धोखेबाजी है।”

क्या है मून लाइटनिंग ?

कोरोना काल के दौरान “मून लाइटनिंग” का कन्सेप्ट काफी लोकप्रिय हुआ था। इसके तहत लोग एक समय में एक से ज्यादा नौकरियां कर सकते हैं। कोरोना काल में वर्क फ्रोम होम के दौरान लोगों ने इसका खूब इस्तेमाल किया। बता दें कि हाल ही में फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने मून लाइटनिंग नीति को शुरू किया था। इसके तहत कर्मचारी कंपनी की मंजूरी के बाद दूसरे काम भी कर सकते हैं।