मई महीने में खुदरा महंगाई दर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक मई में खुदरा महंगाई दर 4.25 फीसदी पर आ गई है, ये अप्रैल में 4.70 फीसदी रही थी। बड़ी बात ये भी है कि पिछले चार महीने से लगातार खुदरा महंगाई में कमी देखी जा रही है। वैसे खुदरा के साथ खाद्य महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। ये 2.91 फीसदी पर आ गई जो अप्रैल 2023 में 3.84 प्रतिशत चल रही थी।
महंगाई से बड़ी राहत
अब महंगाई से ये राहत कितनी बड़ी है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि पिछले साल मई में खाद्य महंगाई 7.97 फीसदी रही थी। कोरोना का असर था, रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी चुनौती बढ़ा रखी थी। लेकिन अब आर्थिक मोर्चे पर कुछ राहत मिलने लगी है। अभी के लिए खुदरा महंगाई कम तो हो गई है, लेकिन दूध के बढ़ते दाम से अभी भी राहत नहीं मिलने वाली है। दूध के दाम तो अभी भी आसमान छू रहे हैं, मई में दूध की महंगाई दर 8.91 फीसदी दर्ज की गई है।
चिंता की बात ये भी है कि अप्रैल के मुकाबले मई में दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली है। अप्रैल में महंगाई दर 8.85 फीसदी दर्ज हुआ था। अनाज की बात करें तो वहां भी मई में उसकी महंगाई 12 फीसदी से ज्यादा चल रही है। मसालों के रेट भी अभी ज्यादा ही हैं, मई में आंकड़ा 17.90 फीसदी पर पहुंच गया है।
कर्ज भी कम हो जाएगा?
अब कम होती महंगाई से एक और मोर्चे पर राहत मिल सकती है। साधारण सी इकोनॉमिक्स ये कहती है कि महंगाई कम होने पर सस्ते कर्ज की उम्मीद भी बढ़ जाती है। अब लोगों के लिए तो ये राहत की बात हो सकती है, चुनावी मौसम में सरकार भी इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहेगी। पिछले कुछ चुनावों के दौरान महंगाई एक बड़ा मुद्दा बना है, ऐसे में अगर इसे काबू में कर लिया गया तो एक बड़ा वोटबैंक अपने पाले में किया जा सकता है।