बढ़ती महंगाई से जहां दुनियाभर के कई देशों का हाल बुरा है। वहीं महाशक्ति अमेरिका भी महंगाई से अछूता नहीं रहा। आलम यह है कि अमेरिका में महंगाई के मामले में पिछले 40 साल का रिकॉर्ड ध्वस्त हुआ है। हालांकि अप्रैल के महीने में अमेरिका में कीमतों के बढ़ने की गति में थोड़ी कम देखने को मिली। इसमें पेट्रोल, पुरानी कारों और कपड़ों की कीमतों में गिरावट आई थी।
वहीं अमेरिका में लेबर डिपार्टमेंट ने कहा है कि पिछले महीने मुद्रास्फीति की वार्षिक गति 8.3 प्रतिशत थी। यह मार्च के महीने में 8.5 प्रतिशत थी। साफ है कि मार्च और अप्रैल के महीने में महंगाई की रफ्तार में थोड़ी कमी आई है। हालांकि इसके बाद भी कीमतों में वृद्धि की दर 40 साल के अपने सबसे उच्च स्तर पर बनी हुई है।
महंगाई का असर किराने के सामान, आवास और एयरलाइन टिकट जैसी चीजों पर देखने को मिल रहा है। जिससे नीति निर्माताओं पर बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने का दबाव बना। बीते बुधवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने महंगाई पर अंकुश लगाने के मद्देनजर “सर्वोच्च घरेलू प्राथमिकता” बताया। उन्होंने स्वीकार किया कि मूल्य वृद्धि उच्च स्तर पर बनी हुई है।
बता दें कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में 22 सालों में अपनी सबसे बड़ी ब्याज दर वृद्धि की घोषणा की। विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि रिपोर्ट में कीमतों में तेजी में बड़ी गिरावट आएगी, क्योंकि पिछले 12 महीनों में कीमतों में तेजी से गिरावट शुरू हुई थीं। दरअसल कोरोना महामारी के झटके के बाद से अमेरिका में चीजों की कीमतें 2021 में बढ़ने लगीं थी।
कोविड से जुड़े मुद्दे, श्रमिकों की कमी और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के चलते मार्च में खाद्य पदार्थों और और ऊर्जा लागत में वृद्धि हुई है। श्रम विभाग के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के मुताबिक, मार्च में 18 फीसदी से अधिक की वृद्धि होने के बाद अप्रैल के महीने में पेट्रोल की कीमतें 6.1 प्रतिशत कम हुईं।
इसके अलावा लगातार छह महीनों की वृद्धि के बाद, अप्रैल महीने में अमेरिका में कपड़ों की लागत में भी 0.8 फीसदी की गिरावट देखी गई। लेकिन मुद्रास्फीति ने बाकी चीजों की लागतों को बढ़ाये जारी रखा। वहीं मार्च से अप्रैल तक हवाई किराए में 18.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 1963 में रिकॉर्ड-कीपिंग शुरू होने के बाद से यह एक महीने की सबसे बड़ी वृद्धि रही। नई कार की कीमतों पर महंगाई देखें तो इसमें 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि घर की लागत में लगातार 0.5 फीसदी की वृद्धि हुई।