नोटबंदी का उद्योग जगत पर गहरा असर दिखाई देने लगा है। छोटे व मध्यम श्रेणी के उद्योग तो पहले ही प्रभावित हो रहे थे, लेकिन अब आॅटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे बड़े उद्योगों को भी झटका लगा है। प्रोडक्ट डिमांड 50 फीसद घट गई है। इस कारण कई कंपनियों ने उत्पादन में कटौती शुरू कर दी है। घटती मांग के चलते जापानी बाइक कंपनी होंडा मोटरसाइकिल एवं स्कूटर इंडिया ने अपने मानेसर प्लांट को 3 दिन और भिवाड़ी राजस्थान प्लांट को 6 दिन के लिए बंद करने का फैसला किया है। इसी तरह से कई कंपनियों में छुट्टी घोषित की जा रही है। इस स्थिति में उद्योग जगत में निराशा छाई हुई है। बीते 8 नवंबर से नोटबंदी के कारण बाजार में कैश फ्लो बंद हो गया है। लोगों को खर्च करने के लिए नोट नहीं मिल रहे हैं। सरकार की नई-नई घोषणाओं से लोग सहमे हुए हैं और वे केवल मूलभूत जरूरतों पर खर्च कर रहे हैं।
इस वक्त लोग आॅटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। इसका सबसे गहरा असर दोपहिया वाहनों के उद्योग पर पड़ा है। दोपहिया वाहनों के आॅर्डर 50 फीसद घट गए हैं। नोटबंदी का सबसे गहरा असर ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ा है। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में लोग नकद खरीदारी अधिक करते हैं। अब लोगों ने मूलभूत जरूरतों को छोड़कर अन्य वस्तुएं खरीदना बंद कर दिया है। इन दिनों कार की बिक्री में जहां 20 फीसद की कमी दर्ज हुई है, वहीं मोटरसाइकिल की बिक्री आधी हो गई है। नए आॅर्डर नहीं मिल रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए बड़ी कंपनियां प्लांट बंद करने को मजबूर हैं। एक जापानी बाइक कंपनी ने अपने प्लांट में उत्पादन में कटौती की है। हीरो मोटो कॉर्प में भी उत्पादन में कटौती की जा रही है।
एनसीआर चेंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष एचपी यादव का कहना है कि नोटबंदी का असर ट्रांसपोर्ट पर भी पड़ा है। उत्पाद माल बाजार में समय पर नहीं पहुंच रहा है और इंडस्ट्री में कच्चा माल पहुंचने में भी मुश्किलें आ रही हैं। इस कारण भी इंडस्ट्री में मंदी की स्थिति है। कर्मियों की उपस्थिति कम होने से छोटे और मध्यम श्रेणी के उद्योगों पर पहले से ही तलवार लटक रही थी। अब बड़ी कंपनियों में उत्पाद कटौती का सीधा असर वेंडर्स कंपनियों पर पड़ रहा है।यदि यही स्थिति बनी रही तो बड़ी कपंनियों को स्पेयर पार्ट्स की सप्लाई करने वाली कंपनियां बंद हो जाएगी।वहीं करंसी बदलने में हो रही परेशानी के कारण विदेशी सैलानी भी गुरुग्राम आने से परहेज कर रहे हैं। हाईटेक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार का कहना है कि एयरपोर्ट पर करंसी बदलने में विदेशियों को 2 से 5 घंटे लग जाते हैं। इसके बावजूद अधिकतम 5000 रुपए हाथ लगते हैं। इस कारण विदेशी यहां आने में परहेज कर रहे हैं।