दिल्ली उपभोक्ता फोरम ( Delhi consumer forum0 ने एक यात्री को “अनहाइजीनिक, गंदी और दागदार” सीट देने के बाद इंडिगो एयरलाइन को खराब सर्विस के लिए जिम्मेदार ठहराया है। एयरलाइन को यात्रा के दौरान महिला को हुई “असुविधा, दर्द और मानसिक पीड़ा” के लिए 1.75 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
यह शिकायत दिल्ली के चाणक्यपुरी की रहने वाली पिंकी ने दर्ज की थी। उन्होंने 2 जनवरी, 2025 को बाकू से नई दिल्ली की उड़ान के लिए 27 दिसंबर, 2024 को अपने, अपने पति और परिवार के दो सदस्यों के लिए टिकट बुक किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यात्रा के दौरान इंडिगो ने उन्हें गंदी और अनहाइजीनिक सीट दी।
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पिंकी ने यह भी दावा किया कि एयरलाइन ने उनकी शिकायत को “लापरवाही और असंवेदनशील” तरीके से निपटाया। बाद में उन्होंने 13 जनवरी को इंडिगो को कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
IndiGo का जवाब
इंडिगो ने किसी भी तरह की गलती से इनकार किया और कहा कि उन्होंने पिंकी को एक दूसरी सीट ऑफर की, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और उसी पर बैठकर अपनी दिल्ली की यात्रा पूरी की।
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नई दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (New Delhi District Consumer Disputes Redressal Commission) जिसकी अध्यक्षता पूनम चौधरी कर रही थीं, इसमें अन्य दो सदस्य बारीक अहमद व शेखर चंद्र भी शामिल थे। इस कमीशन ने 9 जुलाई को फैसले में कहा कि इंडिगो “सेवा में कमी” का दोषी है।
1.75 लाख का जुर्माना
पीटीआई के मुताबिक, आदेश में कहा गया, “जहां तक उनके द्वारा झेली गई असुविधा, दर्द और मानसिक पीड़ा का सवाल है, हमारा मानना है कि उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। इसलिए हम विपक्षी पक्ष को निर्देश देते हैं कि वे मानसिक पीड़ा, शारीरिक दर्द और उत्पीड़न के लिए उन्हें ₹1.5 लाख का मुआवजा अदा करें।”
आयोग ने इंडिगो को मुकदमे के खर्च के तौर पर 25,000 रुपये अदा करने का भी आदेश दिया।
आयोग ने अपने आदेश में यह भी कहा कि इंडिगो ने एसडीडी (SDD) नामक एक महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया, जिसमें यात्री से जुड़ी घटनाओं का रिकॉर्ड होता है और जो फ्लाइट संचालन की निगरानी के लिए अहम है। आयोग ने आगे कहा, “इस दस्तावेज़ की अनुपस्थिति, विपक्षी पक्ष के बचाव को काफी हद तक कमजोर करती है।”