एक-डेढ़ साल कोरोना महामारी की मार झेलने के बाद एयरलाइन सेक्टर (Indian Airline Sector) में गतिविधियां तेज होने लगी हैं। सरकारी कंपनी एयर इंडिया (Air India) को नीलामी में खरीदकर टाटा समूह (Tata Group) ने आसमान में बड़ी हिस्सेदारी पर दावा ठोक दिया है। ऐसे में घरेलू विमानन बाजार की आधी से अधिक हिस्सेदारी पर कब्जा जमाए किफायती एयरलाइन इंडिगो (Indigo) का परेशान होना स्वाभाविक है। हालांकि इंडिगो को राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) की कंपनी आकासा एयरलाइन (Akasa Airline) से खास टक्कर मिलने की आशंका नहीं है।

आर्थिक मामलों में जिम्मेदार हो जाएगी एयर इंडिया: Indigo CEO

इंडिगो के सीईओ रणजॉय दत्त (Ronojoy Dutta) ने 13 अक्टूबर को एक इंटरव्यू में विमानन क्षेत्र के बारे में विस्तार से बातें की। उन्होंने एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद टाटा समूह से बढ़िया प्रतिस्पर्धा मिलने की उम्मीद जाहिर की। उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स के पैसे से चल रही बड़ी कंपनी सही मायने में उचित प्रतिस्पर्धा नहीं थी। अब एयर इंडिया आर्थिक लिहाज से अधिक जिम्मेदार हो जाएगी।

Air India के बाद भी बच जाता है Indigo के लिए बाजार

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एयर इंडिया पर टाटा समूह के नियंत्रण के बाद भी इंडिगो के लिए अच्छा खासा बाजार बचा रह जाता है। इंडिगो नैरोबॉडी वाले प्लेन के जरिए सात घंटे से कम समय की उड़ानों पर फोकस करती है। वहीं एयर इंडिया का फोकस लंबी दूरी की फुल सर्विस उड़ानों पर रहता है। ऐसे में एयर इंडिया और इंडिगो दोनों के लिए बाजार बचा रह जाता है।

Akasa Air से दो-तीन साल खतरा नहीं

प्रसिद्ध निवेशक राकेश झुनझुनवाला से समर्थित आकासा एयरलाइन को लेकर दत्त ने कहा कि इससे उन्हें खास प्रतिस्पर्धा नहीं दिखती है। उन्होंने कहा कि नई कंपनी को बाजार में खड़ा होने में समय लगता है। आकासा एयरलाइन को परिचालन तैयार करने में समय लगेंगे। ऐसे में इससे हमें अगले दो-तीन साल तक खास टक्कर की उम्मीद नहीं लगती है।

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एयरलाइन सेक्टर में पहले से मौजूद है Tata Group

उल्लेखनीय है कि आकासा एयरलाइन के सह-संस्थापक आदित्य घोष (Aditya Ghosh) इंडिगो के साथ लंबे समय तक काम कर चुके हैं। इंडिगो की शुरुआती सफलता में घोष का खासा योगदान माना जाता है। इस कंपनी के अगले साल बाजार में उतरने की उम्मीद है। वहीं टाटा समूह एयर इंडिया खरीदने से पहले से ही एयरलाइन सेक्टर में मौजूद है। टाटा समूह के पास विस्तार (Vistara) और एयर एशिया इंडिया (Air Asia India) दोनों में हिस्सेदारी है।