Indigo Flights: पिछले सप्ताह से अपनी उड़ानों को रद्द करने और देरी के चलते सुर्खियों मे छाई इंडिगो ने बड़ा ऐलान किया है। एयरलाइन ने उड़ानों में आई रुकावट के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए यात्रियों को 10000 रुपए का ट्रैवल वाउचर देने की जानकारी दी है। इसके अलावा, कैंसिल हुई फ्लाइट के टिकट का अमाउंट यात्रियों को लौटाए जाने का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है।

एयरलाइन ने जानकारी दी है कि परिचालन में आई बाधाओं के कारण कैंसिल हुई फ्लाइट्स के सभी रिफंड प्रोसेस कर दिए हैं। ट्रैवल पार्टनर के जरिए बुकिंग होने पर ग्राहक ईमेल करके सहायता ले सकते हैं।

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एयरलाइन कंपनी ने जानकारी दी है कि 3/4/5 दिसंबर को घंटों फंसे यात्रियों को 10,000 रुपये के ट्रैवल वाउचर दिए जाएंगे। इन वाउचर्स को अगले 12 महीनों में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार कैंसिल हुई फ्लाइट्स पर ₹5,000-₹10,000 का अतिरिक्त मुआवजा भी दिया जाएगा।

आपको बता दें कि दो दिसंबर से इंडिगो की उड़ानों में बाधा आनी शुरू हुई। और इसके बाद 3/4/5 दिसंबर को हालात बिगड़ते गए। देशभर में हजारों यात्री इंडियो की सर्विसेज में आई रुकावट के चलते परेशान हुए। 5 दिसंबर को इंडिगो ने एक दिन में 1600 से ज्यादा उड़ानें रद्द कीं जिसके बाद देश के कई बड़े एयरपोर्ट पर कोहराम मच गया। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने वीडियो मैसेज कर माफी मांगी। सरकारी जांच बैठी। डीजीसीए ने FDTL नियम के उस हिस्से को वापस लिया जिसमें पायलट के आराम के घंटे (Rest Hours) को बढ़ाया गया था।

क्या हैं FDTL नियम

आपको बता दें कि FDTL के नए नियमों के तहत पायलट के लिए सप्ताह में रेस्ट पीरियड को 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे किया गया है और रात में होने वाली लैंडिग्स को 6 से घटाकर दो पर सीमित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, इससे इंडिगो के क्रू रोस्टर पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है। नए नियमों में रात के घंटों (night hours) को भी एक घंटे तक बढ़ा दिया है और इससे एयरलाइन के संचालन पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है। नए नियमों का उद्देश्य पायलटक की थकान (fatigue) से बेहतर तरीके से निपटना है जो विमानन सुरक्षा (aviation safety) में एक बड़ा रिस्क माना जाता है।

गौर करने वाली बात है कि इन नियमों को जून 2024 में लागू होना था। लेकिन IndiGo और दूसरी एयरलाइंस के विरोध के चलते इन्हें लागू करने में देरी हुई। एयरलाइन कंपनियों का पहला तर्क यह था कि नए नियमों से ज्यादा क्रू की जरूरत होगी और वे आने वाले समय में धीरे-धीरे स्टेप-बाय-स्टेप तरीके से नियमों को लागू करना चाहते थे। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट से मिले एक आदेश के बाद DGCA ने इसी साल इन नियमों को लागू कर दिया। इन नियमों को जुलाई और नवंबर में दो चरणों में रोलआउट किया गया।