मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक सुस्ती के संकट से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक अच्छी खबर है। जनवरी के महीने में देश में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी 8 साल के उच्चतम स्तर पर रही है। कमजोर आर्थिक ग्रोथ के बीच यह आंकड़े भविष्य में सुधार का संकेत हो सकते हैं। आंकड़ों के मुताबिक सेल में इजाफा हुआ है और इसके चलते मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने बीते 7 सालों में सबसे ज्यादा हायरिंग जनवरी के महीने में की है।

बीते 11 सालों में सबसे कमजोर ग्रोथ की स्थिति से काबू पाने की दिशा में यह आंकड़े अहम साबित हो सकते हैं। जनवरी के महीने में डिमांड में इजाफा होने के चलते नए बिजनस में ग्रोथ दिखी है। इसके चलते आउटपुट, एक्सपोर्ट, इनपुट खरीद और रोजगार में बढ़ोतरी हुई है।

कंपनियों के परचेजिंग मैनेजर के बीच हुए सर्वे में पता चला है कि जनवरी महीने में परजेचिंग मैनेजर्स इंडेक्स 55.3 फीसदी रहा है, जो बीते साल दिसंबर में 52.7 फीसदी ही था। फरवरी 2012 के बाद से यह पहला मौका है, जब इतनी तेजी देखनो को मिली है।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की ओर से 4 से 6 फरवरी के दौरान मौद्रिक समीक्षा नीतियों की घोषणा की जा सकती है। इससे पहले यह संकेत केंद्रीय बैंक के फैसले को आसान करने में मददगार साबित हो सकते हैं।