7th Pay Commission: रेलवे के पेंशनधारियों ने संशोधित पेंशन लागू करने में देरी को लेकर प्राधिकार की आलोचना की है। उत्तर रेलवे पेंशनर्स वेलफेयर ऐसोशिएशन ने अधिकारियों पर 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पेंशन में संशोधन के संबंध में अनौपचारिक समझौते का आरोप लगाया है और न्याय की मांग की है। रेलवे पेंशनर्स ने कहा कि संशोधित पेंशन जनवरी 2016 से शुरू होनी थी।
उत्तर रेलवे के फिरोजपुर डिवीजन के अंतर्गत करीब 17,000 पेंशनर्स हैं, लेकिन कई को संशोधित पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) नहीं मिला है। जबकि सरकार ने सितंबर 2018 में ही तीन महीने के अंदर ऐसा करने को कहा था। इस बात को लेकर पेंशनर्स संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेलवे मंत्रालय को कुछ समय पहले एक लिखित शिकायत भी भेजी थी। उम्मीद है कि जल्द ही सभी को संशोधित पेंशन पेमेंट ऑर्डर मिल जाएगा।
अपनी शिकायतय में, उत्तर रेलवे पेंशनर्स वेलफेयर ऐसोशिएशन के अध्यक्ष शेर सिंह ने कहा कि काफी प्रयासों के बाद केंद्र सरकार ने डिफेंस के लिए बने ओआरओपी की तर्ज पर सिविलियन पेंशनर्स को भी पूरी समानता देने पर राजी हुई थी, लेकिन सितंबर 2017 से अब तक कई बार एक समान पेंशन में कार्यान्वयन को टाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुसार, रेलवे अधिकारियों को पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) को संशोधित करना था और उसे वितरण अधिकारियों को भेजना था, लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पायी है।
शेर सिंह ने कहा, “हजारों पेंशनर्स संशोधित पेंशन और एरियर के भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, रेलवे अधिकारी पेंशन के संशोधन के बारे में झूठे दावे कर रहे हैं और फर्जी आंकड़े पेश कर रहे हैं।”
रेलवे के पेंशनर्स ने दावा किया कि फिरोजपुर डिवीजन के अंतर्गत हजारों पेंशनर्स हैं, जिन्होंने अभी तक संशोधित पेंशन पेमेंट ऑर्डर प्राप्त नहीं किया है। एक अन्य पेंशनधारी सुरेश चंढेर गोयल ने कहा, “हजारों रेलवे पेंशनर्स अभी भी संशोधित पेंशन और बकाया के भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश काफी बुजुर्ग हैं और रेलवे द्वारा संशोधित पेंशन जारी करने में देरी की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।”
