Private trains in india: देश के 100 अहम रेलवे रूटों पर 150 निजी ट्रेनों को चलाने के लिए रेल मंत्रालय ने सिर्फ एक सूत्रीय एजेंडा तय किया है। रेल मंत्रालय के एक दस्तावेज के मुताबिक प्राइवेट ट्रेनें चलाने का ठेका किस कंपनी को दिया जाए, इसका फैसला सिर्फ इस पर आधार पर होगा कि वह सरकार को कितना हिस्सा चुकाती है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अडानी ग्रुप, मेधार, टाटा रियलटी, Hyundai, एस्सल ग्रुप जैसी करीब दो दर्जन कंपनियों ने निजी ट्रेनों के संचालन में रुचि दिखाई है। दरअसल इस प्रोजेक्ट से रेल मंत्रालय को बड़ी कमाई की उम्मीद है, जिसका कहना है कि 2019 में उसे 55,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आइए जानते हैं क्या है रेलवे का प्लान…
– टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रेल मंत्रालय निजी कंपनियों से प्रति किलोमीटर 668 रुपये तक की फीस ली जाएगी। यह चार्ज रेलवे पटरियों के यूज चार्ज के तौर पर वसूलेगा। निजी ट्रेनों में कम से कम 16 कोच लगाए जाएंगे।
– एक रिपोर्ट के मुताबिक निजी ट्रेनों में ड्राइवर और कंडक्टर के अलावा पूरी व्यवस्था प्राइवेट कंपनियों के हाथों में ही होगी।
– रेलवे के प्लान के मुताबिक निजी ट्रेनों के संचालन के लिए 22,500 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। रेल अधिकारियों का कहना है कि निजी कंपनियों के साथ टिकटों की बिक्री और अन्य सेवाओं से मिलने वाले रेवेन्यू के आधार पर मुनाफे का बंटवारा होगा।
– रेलवे ने 100 रूटों को 12 क्लस्टर्स में विभाजित किया है। इसके तहत हर क्लस्टर में 12 ट्रेनें चलाई जानी हैं। इन सभी ट्रेनों का किराया निजी कंपनियां ही तय करेंगी। रेलवे की ओर से तैयार किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक किसी भी कंपनी को दो कलस्टर्स से ज्यादा में ट्रेनें चलाने की अनुमति नहीं होगी।