रेलवे अपनी ट्रेनों को नया रंग रूप देने में लगा है। इसके साथ ही यात्रियों को मिलने वाली सुविधा में भी इजाफा कर रहा है। यह सब रेलवे के “उत्कृष्ट” प्रोजक्ट के तहत किया जा रहा है। इसका उद्देश्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेन कोच को अपग्रेड करना है। अभी रेलवे ने ईस्टर्न रेलवे की ट्रेन नंबर 12311/12312 हावड़ा-कालका मेल के सुधार के साथ इसकी शुरुआत की है। उत्कृष्ट प्रोजेक्ट के तहत रेलवे पहले चरण में मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के 140 कोच अपग्रेड करने की योजना बना रहा है। इस अपग्रेड में ट्रेन के कोच के अंदर और बाहर दोनों जगह के बदलाव होना शामिल है। हावड़ा-कालका मेल के नए अपग्रेड किए गए कोच को बाहरी – बेज और मैरून पर एक नई कलर स्कीम दी गई है।

उत्कृष्ट परियोजना के तहत ट्रेन के टॉयलेट में बदलाव किया गया है। ट्रेन के टॉयलेट को लेकर यात्रियों की रेलवे को शिकायतें मिल रही थीं। हावड़ा कालका मेल में “स्वच्छ रेल टॉयलेट” लगाए गए हैं। इस टॉयलेट में पानी की खपत कम होगी। साथ ही पहले से ज्यादा सफाई भी रहेगी। रेलवे के मुताबिक नए टॉयलेट के कई फायदे हैं, यह टॉयलेट चौक नहीं होंगे। डिस्चार्ज पाइप को क्विक डिस्चार्ज के लिए बायो टैंक से जोड़ा गया है। गंध की पूरी सीलिंग की गई है। सिस्टम इमरजेंसी में बिना बिजली और पानी के भी काम करता है। एक टॉयलेट की कीमत 40 हजार रुपए है। इसका कोई मेंटेनेंस नहीं करना है। डिपो में इसके पानी के डिस्चार्ज की मेनुअस सेटिंग भी की जा सकती है।

ट्रेन के सभी कोच के मुख्य इंटिरियर, डोरवे, गैंगवे और टॉयलेट में एलईडी लाइट दी गई हैं। हावड़ा कालका मेल के एसी कोच में एलईडी पैनल लाइट, ब्रेल साइनेज, नाइट ग्लो स्टिकर, फर्स्ट एसी कोच में एलईडी पैनल फोटो फ्रेम, नए प्रकार के बोतल होल्डर, बड़े शीशे, नए अग्निरोधक और टॉयलेट में एग्जॉस्ट फैन आदि दिए गए हैं।

स्लीपर क्लास कोचों के टॉयलेट में बड़े शीशे, कूड़ेदान, पाइपलाइनों के लिए कवर आदि दिए गए हैं। साथ ही डोरवे को भी अपग्रेड किया गया है। डोरवे में एंटी थेफ्ट सिस्टम, बेसिन के नीचे डस्टबिन्स, आग बुझाने वाले यंत्रों को अपग्रेड किया है। सीट के बगल में बोतल की जगह, नए सीढ़ी, छत पर सफेद रंग, ब्रेल साइनेज आदि भी दिए गए हैं। इसके अलावा जनरल कोच को भी अपग्रेड किया गया है। मार्च 2019 तक रेलवे का टारगेट 140 कोच अपग्रेड करने का है वहीं अगले फेज में 500 कोच अपग्रेड करने का है।