Indian Railways Initiatives: रेल यात्रा के दौरान महिलाओं से छेड़छाड़, चेन स्नैचिंग और बच्चों की तस्करी जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रेलवे ने कई अहम प्रयास किए हैं। इन्हीं कोशिशों की कड़ी में अब रेलवे ने आरपीएफ के जवानों को ऐसे कैमरों से लैस करने का फैसला लिया है, जिन्हें वह अपने शरीर पर टांगे रहेंगे। इन कैमरों के जरिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के जवान अपराधियों की तस्वीरें ले सकेंगे और उनकी आसानी से शिनाख्त करते हुए कार्रवाई की जा सकेगी।
भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने इस प्रयास को लेकर कहा कि यदि किसी व्यक्ति को यह पता हो कि उसकी लगातार निगरानी की जा रही है तो वह आपराधिक गतिविधि से बचना चाहेगा। आरपीएफ को मिलने वाले ये कैमरे 1280X720 पिक्सल के होंगे। इसके अलावा 10 MP की कैमरा इमेज सेंसिंग कैपेसिटी होगी। इन कैमरों की स्टोरेज कैपेसिटी 32 जीबी की होगी और बैटरी की क्षमता 3000 mAh की होगी।
आइए जानते हैं, शरीर पर टंगे रहने वाले इन कैमरों के जरिए रेलवे कैसे करेगा ट्रेन और रेलवे स्टेशनों में अपराध पर नियंत्रण…
– इन कैमरों के जरिए यात्रियों का आत्मविश्वास बढ़ा है और पुलिस के लिए अपना काम करना आसान हो गया है। इन कैमरों के डर से असामाजिक तत्व हरकत करने से डरते हैं।
– रेलवे ने इन कैमरों को उन स्टेशनों पर तैनात जवानों को देने का फैसला लिया है, जहां सीसीटीवी कैमरों का अभाव है।
– ये कैमरे लगातार मॉनिटरिंग करते हैं। इससे किसी भी वक्त होने वाली घटना को कैमरे में दर्ज किया जा सकता है। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान के मकसद से इन कैमरों की फुटेज का कभी भी विश्लेषण किया जा सकता है।
– इन कैमरों की फुटेज को किसी भी मामले में अदालत के समक्ष सबूत के तौर पर पेश किया जा सकेगा।
– इन नाइट विजन कैमरों के जरिए अंधेरे में हो रही किसी गतिविधि को भी कैद किया जा सकता है।
– छापेमारी के दौरान भी ये कैमरे रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के लिए अहम होंगे।