वेटिंग लिस्ट के चलते यात्रा को लेकर पसोपेश में रहने वाले लोगों को आज से बड़ी राहत मिलने वाली है। रेलवे ने आज से 40 क्लोन ट्रेनों को चलाने का ऐलन किया है। इससे यात्रियों को सफर के लिए आसानी से सीट मिल सकेगी। यही नहीं रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक क्लोन ट्रेनें अपनी मुख्य ट्रेन की तुलना में 2 से 3 घंटे पहले ही गंतव्य तक पहुंचा देंगी। दरअसल ये ट्रेनें मुख्य तौर पर थर्ड एसी कोच के साथ चलेंगी। इन ट्रेनों के गंतव्य तक जल्दी पहुंचने की वजह यह है कि इनके स्टॉप सीमित रखे जाएंगे। इसके अलावा इन्हें मुख्य ट्रेनों से पहले चलाय़ा जाएगा।

ऐसे यात्रियों के लिए यह सुविधा वरदान साबित हो सकती है, जिन्हें कई बार मजबूरी में परेशानियों के साथ यात्रा करनी पड़ती है। इसके अलावा उन्हें सीटों के आरक्षण के लिए भारी कीमत भी चुकानी पड़ती है। अधिकारी ने कहा कि इन क्लोन ट्रेनों के स्टॉप सीमित रखे जाएंगे। इन्हें ऑपरेशन हाल्ट्स परया फिर संभागीय मुख्यालयों पर ही रोका जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि ट्रेन की यात्रा का समय सीमित रहे और लोग सही समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।

रेलवे अधिकारी ने कहा कि हम यह देख रहे हैं कि इस दौरान वे लोग ही यात्रा कर रहे हैं, जिन्हें कोई इमरजेंसी है। ऐसे में हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यात्रा करने वाले सभी लोगों को रेलवे की ओर से पर्याप्त सुविधाएं मिल सकें।

जानें, कितना है क्लोन ट्रेनों का किराया: बता दें कि रेलवे ने बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के रूट पर 20 जोड़ी क्लोन ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है। इन ट्रेनों के किराये की बात करें तो 18 डिब्बों वाली 19 जोड़ी ट्रेनों का किराया हमसफर ट्रेनों के समान होगा। इसके अलावा लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन का किराया जनशताब्दी एक्सप्रेस के समान होगा।

10 दिन पहले बुक करा सकते हैं टिकट: इन ट्रेनों के लिए अडवांस रिजर्वेशन की अवधि 10 दिन होगी। इनकी बुकिंग 19 सितंबर को सुबह 8 बजे से शुरू हो चुकी है। रेलवे अधिकारी ने कहा कि इन रूटों पर ही क्लोन ट्रेनें चलाने की वजह यह है कि इन पर मांग अधिक है। ऐसे में यह जरूरी है कि उन रूटों पर ही ट्रेनें चलाई जाएं, जहां डिमांड है। इससे संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होगा। हम इस फॉर्म्युले को पहले ही लागू करने पर विचार कर रहे थे, लेकिन विकल्पों का अभाव था। इस कोरोना काल में यह अच्छा मौका है, जब ऐसी ट्रेनों के लिए मार्केट की स्थिति को समझा जाए।