तीर्थयात्रियों के लिए चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के मकसद से रेलवे ने 327 किलोमीटर का ट्रैक तैयार करने का फैसला लिया है। इस रेल ट्रैक गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ेगा। यह रेलवे लाइन देहरादून और कर्णप्रयाग होते हुए जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 43,292 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। रेल मंत्री पीयूष गोयल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस रेल ट्रैक का रूट देहरादून, पौड़ी, टिहरी गढ़वाल, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी होगा। इससे पहले 13 मई 2017 को पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सिंगल ब्रॉड गॉज रेल कनेक्टिविटी के लिए बद्रीनाथ में आधारशिला रखी थी।
रेल मंत्रालय के अनुसार यह रेलवे लाइन हिमालय के पहाड़ी इलाके से गुजरेगी। इस लंबी रेललाइन को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे को पहाड़ों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। प्रतिकूल भौगोलिक स्थिति के अलावा क्षमता, भार, गति और सुरक्षा की सीमाएं भी रहेंगी। धार्मिक और आध्यात्मिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण इन चारों धामों की समुद्र तल से काफी ऊंचाई है। इसके अलावा इन सभी की ऊंचाई अलग-अलग है। ऐसे में रेलवे को यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी। यह परियोजना एक तरफ धार्मिक लिहाज से बेहद अहम है, दूसरी तरफ सुदूर इलाकों की कनेक्टिविटी के मामले में भी एक मिसाल होगी।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार यमुनोत्री जहां से यमुना का उद्गम हुआ वह समुद्र तल से 3293 मीटर ऊपर है। वहीं गंगोत्री समुद्र तल से 3408 मीटर से ऊपर है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ समुद्र तल से 3583 मीटर ऊपर है और बद्रीनाथ की 3133 मीटर ऊंचाई है। केंद्रीय रेल मंत्री के अनुसार जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तो इससे ना केवल चार धाम की यात्रा आसान हो जाएगी बल्कि इससे पहाड़ी क्षेत्र में डेवलपमेंट को भी नई ऊंचाई मिलेगी।
