रेल मंत्रालय ने 28 अक्टूबर, गुरुवार को आईआरसीटीसी से उसकी टिकट बुकिंग वेबसाइट से मिलने वाले राजस्व में 50 फीसदी सुविधा शुल्क के रूप में साझा करने के लिए कहा था। इस खबर के बाद आईआरसीटीसी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। हालांकि शुक्रवार को रेल मंत्रालय ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया।
बता दें कि रेल मंत्रालय द्वारा स्टॉक विभाजन की खबरों का असर शुक्रवार को आईआरसीटीसी के शेयरों में शुरुआती कारोबार पर दिखा। इसमें 29 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली। आईआरसीटीसी का स्टॉक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज सुबह 10:50 बजे 775.90 रुपये पर 15 प्रतिशत से अधिक नीचे था। वहीं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में भी यह लगभग 15 फीसदी के नीचे देखा गया।
वहीं जब रेल मंत्रालय ने सुविधा शुल्क को साझा करने के अपने फैसले को वापस ले लिया तो शेयर में तेजी से उछाल देखने को मिली।
बता दें कि रेल मंत्रालय के राजस्व साझा करने के फैसले को लेकर शेयर मार्केट के विशेषज्ञों ने भी आलोचना की। उन्होंने कहा इस फैसले से आईआरसीटीसी में निवेश करने वालों का भरोसा टूटेगा। वहीं दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने एक ट्वीट में जानकारी दी, “रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी कन्वीनिएंस फीस पर लिए अपने फैसले को वापस लेने का निर्णय किया है।”
रेल मंत्रालय के फैसले को लेकर दीपम सचिव ने कहा कि इसपर IRCTC ने अपना पक्ष रखा था। जिसके बाद सरकार की तरफ से इसे वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर ज्यादा विचार किया जाना चाहिए था। वहीं इससे पहले आईआरसीटीसी ने बताया था कि रेल मंत्रालय ने राजस्व साझा की बात कही है जोकि 1 नवंबर 2021 से लागू हो होगा।
गौरतलब है कि आईआरसीटीसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है जिसे भारतीय रेलवे की तरफ से ट्रेन टिकटों की बुकिंग और ट्रेनों व रेलवे स्टेशनों पर कैटरिंग सर्विस का जिम्मा दिया गया है। इस सर्विस में यात्रियों को बोतलबंद पेयजल सुविधा मुहैया कराने का अधिकार दिया गया है।