भारतीय रेलवे उपनगरीय रेल यात्रियों को मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) के स्थान पर रेल कार्ड जारी करने पर विचार कर कर रहा है। यात्री इस कार्ड की मदद से छोटे मोटे खुदरा वस्तुओं की खरीददारी भी कर सकेंगे। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना को अमलीज़ामा पहनाने के लिए रेलवे की 31 बैंकों के साथ बातचीत चल रही है और कुछ प्रमुख बैंकों ने रेलवे के इस प्रोजेक्ट में रुची दिखाई है।
योजना के मुताबिक उपनगरीय यात्रियों को रेलवे गोल्डन, सिल्वर और प्लेटिनम तीन तरह के रेल कार्ड जारी करेगा। सिल्वर कार्ड की वैध्यता एक माह, गोल्डन कार्ड की वैध्यता छह माह और प्लेटिनम कार्ड की वैध्यता एक साल होगी। रेलवे इस योजना को सबसे पहले प्रयोग के तौर पर मुंबई में लॉन्च करेगा और सफल रहने पर इसे देशभर में लॉन्च किया जाएगा।
रेलवे के मुताबिक एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, पीएनबी सहित प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर के 31 बैंकों से इस योजना में सहयोग के लिए बातचीत की जा रही है और बैंकों ने रेल कार्ड परियोजना में बहुत अधिक रूचि दिखायी है। बैंको के साथ जल्द ही एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
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अनुमान के मुताबिक देश भर में करीब 1.1 करोड़ लोग प्रतिदिन लोकल रेलगाडि़यों का उपयोग करते हैं। अकेले मुंबई में रोजना करीब 75 लाख लोग उपनगरीय ट्रेन सेवा का उपयोग करते हैं। मुंबई की लोकल ट्रेन सर्विस को शहर का लाइफ लाइन कहा जाता है। कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में भी लोकर ट्रेन सर्विस यात्रियों के आवाजाही का प्रमुख माध्यम है।
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