सरकारी स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) को मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बीते साल के मुकाबले 13 गुना लाभ हुआ है। कंपनी ने बताया कि 30 सितंबर 2020 को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में 6,025.81 करोड़ रुपये का कुल लाभ हुआ, जो कि पिछले साल इसी तिमाही में 468.02 करोड़ रुपये था। पिछले साल की इसी अवधि में 1.35 लाख करोड़ रुपये की तुलना में कुल राजस्व 13.39 प्रतिशत घटकर 1.17 लाख करोड़ रुपये रह गया। जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान बाकी अन्य इनकम पिछले वर्ष की इसी अवधि में 449.09 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,157.99 करोड़ रुपये हो गई।
स्टैंडअलोन आधार पर, एक साल पहले समान अवधि में तेल फर्म का कुल मुनाफा 563.42 करोड़ रुपये से 10 गुना बढ़कर 6,227.31 करोड़ रुपये हो गया। ऑपरेशन्स से होने वाला राजस्व एक साल पहले के 1.32 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 1.15 लाख करोड़ रुपये कम है। औसत सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम), कच्चे तेल की लागत और रिफांइड उत्पादों की कीमतों के बीच का अंतर, अप्रैल-सितंबर 2020 के लिए इस वर्ष की अवधि में $ 2.96 प्रति बैरल की तुलना में 3.46 डॉलर प्रति बैरल था। इन्वेंट्री लॉस / गेन की भरपाई के बाद अप्रैल-सितंबर 2020 की अवधि के लिए कोर जीआरएम व वर्तमान मूल्य जीआरएम 1.57 डॉलर प्रति बैरल रहा।
पिछली तिमाही की तुलना में 17.7 मिलियन टन फ्यूल की बिक्री 16 प्रतिशत अधिक थी, हालांकि जुलाई-सितंबर 2019 में बेचे गए 20.17 मिलियन टन उत्पादों की तुलना में यह 12 प्रतिशत कम था। IOC की रिफाइनरी ने दूसरी तिमाही में लगभग 14 मिलियन टन कच्चे तेल की प्रोसेसिंग की, अप्रैल-जून में 13 मिलियन टन के मुकाबले ज्यादा, लेकिन एक साल पहले 17.5 मिलियन टन की तुलना में कम ही है।
जानें, कैसे अचानक इतना बढ़ गया मुनाफा: दरअसल इंडियन ऑयल को यह मुनाफा इन्वेंटरी गेन्स के चलते हुआ है। कारोबारी भाषा में इन्वेंटरी गेन का अर्थ उस संपत्ति से होता है, जो कंपनी ने पिछले वक्त में खरीदी हो और अब उसकी कीमत में इजाफा हो गया हो।