सैलरी… एक ऐसा शब्द हैं जिसे सुनकर किसी भी कर्मचारी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। जिस दिन सैलरी क्रेडिट होने का मैसेज आता है, वह दिन ही कर्मचारियों के लिए पूरे महीने का सबसे अहम दिन होता है। वहीं हर कर्मचारी के मन में यह सवाल रहता है कि आखिर इस साल उसका इंक्रीमेंट यानी सैलरी में कितना इजाफा होगा। इसको लेकर हाल ही में एक सर्वें किया गया है, जिसकी रिपोर्ट बताती है कि भारत में कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों की सैलरी में करीब 10 प्रतिशत का इजाफा कर सकती हैं। सर्वें में यह भी सामने आया है कि सबसे ज्यादा सैलरी में बढ़ोतरी ऑटोमोबाइल, विनिर्माण और इंजीनियरिंग सेक्टर से जुड़े कर्मचारियों की हो सकती है।
दरअसल, यह सर्वे कंसल्टेंसी कंपनी मर्सर के टीआरएस द्वारा किया गया है, जो कि बताता है कि वेतन में पिछले साल औसत वेतन वृद्धि 9.5 प्रतिशत ही थी लेकिन इस साल यह रेंज 10 प्रतिशथ तक जा सकती है। इसको लेकर कहा गया कि यह प्रवृत्ति भारत के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन और प्रतिभा के केंद्र के रूप में इसकी बढ़ती अपील को दर्शाती है। भारत में ऑटोमोबाइल, विनिर्माण और इंजीनियरिंग और विज्ञान में कर्मचारियों को उच्चतम वेतन वृद्धि देखने को मिल सकती है।
मई और अगस्त 2023 के बीच आयोजित सर्वेक्षण में 1,474 कंपनियों से डेटा लिया गया था। इसमें 6,000 से अधिक नौकरी की भूमिकाएं शामिल थीं और 21 लाख से अधिक कर्मचारियों से जानकारी ली गई थी। इस सर्वें में कहा गया कि भारत में औसत योग्यता वेतन वृद्धि 2024 में 10 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2023 में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के शीर्ष पर थी।
नौकरी छोड़ने का बढ़ा चलन
इस सर्वें में कहा गया है कि भारत में स्वैच्छिक नौकरी छोड़ने की दर 2021 में 12.1 प्रतिशत से धीरे-धीरे बढ़कर 2022 में 13.5 प्रतिशत हो गई है। मर्सर के सर्वे में कहा गया कि 2023 का आधे साल का डेटा 2022 की तुलना में नौकरी छोड़ने के ट्रेंड में मामूली वृद्धि का संकेत देता है, जो हर साल स्वैच्छिक नौकरी छोड़ने के ट्रेंड में हर साल बढ़ोतरी का संकेत देता है।
भारत में मर्सर के लिए रिवार्ड्स कंसल्टिंग लीडर मानसी सिंघल ने कहा कि अनुमानित वेतन वृद्धि भारतीय बाजार में आत्मविश्वास को विस्तार दे रही है।
