प्रस्तावित मुंबई-नागपुर तीव्र गति के रेल गलियारे के लिये सुदूर संवेदी प्रौद्योगिकी लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लीडार) सर्वे शुरू हो गया है। प्रस्तावित 736 किलोमीटर बुलेट ट्रेन परियोजना शाहपुर, इगतपुरी, नासिक, मेहकार, मालेगांव, वर्धा और खापरी को जोड़ेगी।

इस सर्वे में लीडार प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है जिसमें आंकड़े 3-4 महीने में उपलब्ध हो जाते हैं जबकि परंपरागत तकनीक में 10 से 12 महीने का समय लगता है। लीडार सर्वे में विमान में लीडार और इमेजरी सेंसर का उपयोग कर जमीन के सर्वे से जुड़े आंकड़े एकत्रित किये जाते हैं।

इस तकनीक के जरिये सर्वे में ढांचा, पेड़ और अन्य चीजों की स्पष्ट तस्वीर को लेकर 100 मेगापिक्सल कैमरे का उपयोग किया जाता है। एनएचएसआरसीएल (नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लि.) को सात तीव्र गति के रेल गलियारों के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गयी है।

इस बीच, राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए गुजरात के वडोदरा और वापी के बीच 237 किलोमीटर लंबे ट्रैक के काम के वास्ते एक जापानी फर्म के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

एक बयान के अनुसार जापान रेलवे ट्रैक कंसल्टेंट कंपनी लिमिटेड (जेआरटीसी) एचएसआर ट्रैक घटकों जैसे आर सी ट्रैक बैड़, ट्रैक स्लैब व्यवस्था और निरंतर वेल्डेड रेल (सीडब्ल्यूआर) बलों आदि की विस्तृत डिजाइन और ड्राइंग मुहैया करेगा।

भारत में जापान के दूतावास में मंत्री शिंजो मियामोटो ने कहा, “यह समझौता ज्ञापन भारत और जापान की साझेदारी के बीच संबंधों को मजबूत करेगा और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा देगा। यह भारत को जापानी हाई स्पीड रेल प्रणाली के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को भी सुनिश्चित करेगा।’’