दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भारत ने अभूतपूर्व कदम उठाया है। इन्वेस्टर्स को अत्याधुनिक सुविधाएं और माकूल माहौल देने के लिए नया शहर बसाने का फैसला लिया गया है। वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (WEF) की रिपोर्ट के अनुसार, नए शहर को अहमदाबाद और गांधीनगर शहर के बीच में बसाया जाएगा। इसमें कहा गया है कि नया शहर फायनेंशियल हब के तौर पर दुनिया भर में मशहूर हांगकांग और सिंगापुर की तरह होगा। नए शहर का डिजाइन तैयार किया जा चुका है। प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचाने में जुटी टीम का मानना है कि उच्च स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं मिलने से दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा। इसे गुजरात इंटरनेशनल फायनेंस-टेक सिटी (GIFT) नाम दिया गया है। उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट को योजना के अनुसार पूरा करने पर भारत में नया फायनेंशियल हब तैयार हो जाएगा। बता दें कि फिलहाल मुंबई को भारत के फायनेंशियल कैपिटल के तौर पर जाना जाता है।
वर्ष 2020 तक 28 लाख करोड़ रुपए को हो जाएगा फायनेंशियल सेक्टर: भारत में फायनेंशियल सेक्टर का लगातार विस्तार हो रहा है। WEF की रिपोर्ट में प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटे ग्रुप के हवाले से बताया गया है कि वर्ष 2020 तक यह सेक्टर 400 अरब डॉलर (28 लाख करोड़ रुपए) का हो जाएगा। इसके अलावा 1.10 करोड़ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। लिहाजा, फायनेंशियल सेक्टर के लिए अनुकूल माहौल के साथ ही स्टेट ऑफ द आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर (अत्याधुनिक सुविधाएं) भी विकसित करनी होंगी। इसके मद्देनजर ही अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट का निर्माण करने की योजना है। प्रोजेक्ट में जुटे डेवलपर्स का मानना है कि वैश्विक निवेश को आकर्षित करने से 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर रोजगार मिल सकेगा। बता दें कि विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की रफ्तार के 7 फीसद से ज्यादा रहने का अनुमान जताया है।
नए शहर को लेकर आशंकाएं: WEF की रिपोर्ट में नया शहर बसाने को लेकर कुछ आशंकाएं भी जताई गई हैं। स्पेन और चीन का खासतौर पर हवाला दिया गया है। इसमें स्पेन के सियुडैड रियल एयरपोर्ट का उदाहरण दिया गया है। इस एयरपोर्ट को वर्ष 2008 में खोला गया था, लेकिन चार साल बाद ही इसे बंद करना पड़ा था। हालात यहां तक पहुंच गए कि इसे निर्माण लागत की तुलना में मामूली कीमत पर बेच दिया गया। इसके अलावा चीन ने भी कुछ नए शहरों को बसाया था। हाल में प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, इन शहरों में 5 करोड़ घर आज भी खाली पड़े हैं।