भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 608 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। 11 जून को समाप्त में हुए सप्ताह में 3.074 अरब डॉलर इजाफा हुआ है। जिसके बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 608.081 अरब डॉलर के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। जिसके साथ ही भारत का विदेशी मुद्रा रूस से ज्यादा हो गया है। अब भारत से आगे स्विट्जरलैंड, जापान और चीन है। इन तीन देशों के पास एक हजार अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है।
आपको बता दें कि इससे पहले चार जून, 2021 को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.842 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला था। जिसके बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 605.008 अरब डॉलर हो गया था। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 11 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में हुई अच्छी वृद्धि है। यह कुल मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां आलोच्य सप्ताह के दौरान 2.567 अरब डॉलर बढ़कर 563.457 अरब डालर हो गईं। वहीं बात स्वर्ण भंडार की बात करें तो 49.6 करोड़ डॉलर का इजाफा देखने को मिला है। जिसके बाद यह भंडार भी 38.101 अरब डॉलर हो गया। इससे पहले इसमें गिरावट देखने को मिली थी। आईएमएफ में एसडीआर 10 लाख डॉलर घटकर 1.512 अरब डॉलर रह गया। वहीं, आईएमएफ के पास देश का आरक्षित भंडार भी 1.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.011 अरब डॉलर हो गया।
रूस को पछाड़ा : इन आंकड़ों के आने के बाद भारत ने रूस को पछाड़ दिया है। रूस अब चौथे स्थान से खिसककर पांचवें पायदान पर आ गया है। अब रूस के पास 604.800 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। वहीं भारत से आगे तीन और देश हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार 3,362.471 अरब डॉलर के साथ चीन के पास हैं। उसके बाद नंबर जापान का है। जिसके पास 1,378.467 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। जबकि स्विट्जरलैंड के पास 1,070.369 अरब डॉलर का विदेशी भंडार है।
