आयकर विभाग ने ई-मेल के जरिए जोटिस भेजने की नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय किया है। जिसका करदाता इलेक्ट्रानिक रूप में जवाब दे सकते हैं। इससे करदाताओं और कर अधिकारियों के आमने-सामने आने की जरूरत नहीं होगी। जिसको लेकर अक्सर परेशान किए जाने की शिकायत की जाती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) जरूरी प्रक्रिया पूरी करने और क्षमता सृजित करने की रणनीति पर काम कर रहा है।

सीबीडीटी की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने पत्रकारों को बताया- हम यह सोच रहे हैं कि कैसे करदाताओं के जीवन को आसान बनाया जाए। खासकर उन लोगों के लिए जो मध्यम और थोड़े उच्च श्रेणी में आते हैं। इसीलिए हम यह अनुमति देने पर सोच रहे हैं कि जब किसी आकलन या जांच के मामले में नोटिस जारी किया जाए, करदाता विभाग को इलेक्ट्रानिक माध्यम से जवाब दे सके। हम इस संदर्भ में सुरक्षा संबंधी कुछ मुद्दों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं, उसके बाद इसे क्रियान्वित किया जा सकता है।

इस बारे में विस्तार से बताते हुए अनीता कपूर ने कहा कि अगर करदाता विभाग को अपने आयकर रिटर्न (आइटीआर) में उपयुक्त ई-मेल पता देता है, बोर्ड उसे ई-नोटिस भेज सकेगा और पोस्ट से दस्तावेज भेजने की आवश्यकता नहीं होगा। जिसके लिए करदाता को आकलन अधिकारी (एओ) से मिलने की जरूरत होती है।

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि करदाता ई-मेल के जरिए जवाब दे सकते हैं और अगर हम और कोई सवाल पूछना चाहते हैं, आपको इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दूसरा नोटिस दिया जाएगा ताकि एओ और करदाता ई-माहौल में रहे और हो सकता है कि अंतिम सुनवाई के दौरान जब एओ मामले को बंद करना चाहता है, करदाता कर कार्यालय आ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था का उद्देश्य करदाता के लिए आकलन अधिकारियों के पास जाने की जरूरत कम करना है।

अनीता ने कहा कि करदाता दस्तावेज स्कैन कर उसे ई-मेल के जरिए भेज सकते हैं और उनका काम खत्म हो जाएगा। हम इस रूप से कर अधिकारियों व करदाताओं के बीच आमना-सामना को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह कर प्रशासन में महत्त्वपूर्ण बदलाव होगा।