लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट समेत सात वस्तुओं के आयात को लेकर सरकार ने एक दिन के अंतराल पर अपने आदेश में दो बार बदलाव किया। पहले तो एक अधिसूचना जारी कर इनके आयात को तुरंत प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके अगले ही दिन प्रतिबंधित करने वाले फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी गई। इनके आयात के लिए लाइसेंस की खातिर 31 अक्तूबर 2023 तक मोहलत दी गई।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कहा है कि यह आदेश एक नवंबर 2023 से लागू हो जाएगा। सूचना तकनीक हार्डवेअर से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा अचानक अधिसूचना जारी किए जाने से कारोबार पर एकबारगी दबाव पड़ा। दीपावली के मौके पर इन वस्तुओं की खरीद ज्यादा होती है, जिसके प्रभावित होने की आशंका हो गई। दरअसल, सरकार की अधिसूचना के बाद एप्पल, सैमसंग, डेल और एचपी आदि कंपनियों ने तुरंत प्रभाव से लैपटाप और टैबलेट का आयात रोक दिया था। इसके बाद ‘मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फार इनफारमेशन टेक्नोलाजी’ ने विदेश व्यापार महानिदेशालय को ई-मेल भेज कर लाइसेंसिंग के लिए मोहलत देने की मांग की थी।
आयात के आंकड़ें
अभी तक जो नियम थे, उनके मुताबिक एप्पल, डेल, सैमसंग और एचपी आदि कंपनियों पर लैपटाप और अन्य कंप्यूटर हार्डवेअर आयात करने को लेकर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी। नए नियमों के तहत उन्हें हर उत्पाद का आयात करने के लिए लाइसेंस लेना होगा। भारत ने ऐसे ही नियम 2020 में टीवी के आयात पर भी लगाए थे। कंपनियों का मानना है कि लाइसेंस राज उनके व्यापार में बाधक हो सकता है, क्योंकि तब उन्हें हर नए माडल के लिए लांच करने के बाद लाइसेंस लेना होगा। दरअसल, भारत पिछले कुछ साल से कंपनियों को भारत में ही अपने उत्पादों के निर्माण को लेकर प्रोत्साहित कर रहा है। उसकी ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत आयात को हतोत्साहित किया जा रहा है। भारत मूल्य के लिहाज से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है।
इलेक्ट्रानिक्स का सामान बड़ी मात्रा में आयात होता है। इस साल अप्रैल से जून के बीच 19.7 अरब डालर के इलेक्ट्रानिक उपकरण आयात किए गए, जो पिछले साल से 6.25 फीसद ज्यादा हैं। सरकार का अनुमान है कि भारत में लैपटाप और पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) का बाजार आठ अरब डालर का होगा, जिसमें दो तिहाई हिस्सा आयात किया जाएगा।
घरेलू कंपनियों को लाभ
सरकार का ताजा कदम उन कंपनियों के लिए फायदेमंद होगा जो बड़ी कंपनियों के लिए लाभ करती हैं। भारतीय कंपनी ‘डिक्सन टेक्नोलाजिज’ कंपनी के शेयर समाचार आने के बाद सात फीसद बढ़ गए। भारत ने अपनी मेक इन इंडिया योजना को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रखी हैं। मसलन, आइटी हार्डवेयर का भारत में निर्माण के लिए निवेश करने वाली कंपनियों के लिए एक विशेष योजना है, जिसमें कुल दो अरब डालर का योगदान सरकार की तरफ से दिया जाता है। भारत का लक्ष्य 2026 तक अपनी निर्माण क्षमता को सालाना तीन सौ अरब डालर तक ले जाना है। साथ ही, भारत आयात को भी कम करना चाहता है। इसलिए पिछले कुछ साल में उसने इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के आयात पर भारी टैक्स लगाए हैं।
सुरक्षा का खतरा कितना बड़ा
आइटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध के पीछे अंतर्निहित सुरक्षा खामियों को भी वजह बताया जा रहा है, क्योंकि ज्यादातार चीजें चीन से आयात हो रही थीं। विशेषज्ञों का कहना है सरकार ने सिर्फ सुरक्षा कारणों से इन आइटमों के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। लैपटाप, टैबलेट या पर्सनल कंप्यूटर की सुरक्षा का पहलू प्रोसेसर से जुड़ा होता है। इनमें सबसे ज्यादा इंटेल, एएमडी और माइक्रोटेक के प्रोसेसर लगे होते हैं। ये चीनी प्रोसेसर नहीं हैं। चीनी प्रोसेसर-यूनिसर्फ वाले लैपटाप बनने शुरू हो गए हैं। लेकिन अभी ये काफी शुरुआती दौर में हैं। लिहाजा ये कहना गलत है कि सरकार ने चीन के खतरे को देखते हुए पर्सनल कंप्यूटर और टैबलेट का आयात प्रतिबंधित किया है। यह जरूर है कि इंटरनेट के विस्तार और अधिकतम भारतीयों के आनलाइन आने के साथ साइबर अपराध की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
अधिसूचना में क्या है
सरकार ने लैपटाप, टैबलेट, आल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्माल कंप्यूटर और सर्वर सहित एचएसएन 8741 के अंतर्गत आने वाले इलेक्ट्रानिक गैजेट्स की सात श्रेणियों के आयात पर प्रतिबंध लगाया है। ‘हार्मोनाइज्ड सिस्टम आफ नामेनक्लेचर’ (एचएसएन) कोड एक वर्गीकरण प्रणाली है, जिसका इस्तेमाल उत्पादों की पहचान करने और उन पर टैक्स लगाने के लिए किया जाता है। इस शर्त के साथ आयात की अनुमति दी जाएगी कि सामान का उपयोग केवल बताए गए उद्देश्यों के लिए किया जाएगा न कि बेचा जाएगा। इस्तेमाल के बाद उत्पादों को नष्ट कर दिया जाएगा या फिर से निर्यात किया जाएगा। ऐसे किसी भी आयात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी।
लैपटाप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता लागू करने के भारत के फैसले से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले की मूल भावना भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
- राजीव चंद्रशेखर, केंद्रीय मंत्री
सुरक्षा का मामला बहस का विषय है। इसलिए सरकार ने अपनी अधिसूचना में इसका जिक्र नहीं किया है। ये साबित करना बहुत मुश्किल है कि चीनी उत्पाद सुरक्षित नहीं हैं। लैपटाप, टैबलेट या पर्सनल कंप्यूटर में चीनी प्रोसेसर नहीं इस्तेमाल हो रहे।
- सत्या गुप्ता, आइटी उद्योग विशेषज्ञ