भारतीय बाजारों के लिए पिछले एक साल में पहले बड़ी रेटिंग कटौती के तहत वैश्विक ब्रोकरेज एचएसबीसी ने आज भारत की रेटिंग को घटाकर ‘अंडरवेट’ कर दिया है। इस रेटिंग का मतलब है कि एजेंसी को लगता है कि भारतीय बाजार में निवेश पर प्रतिफल औसत से कम रहेगा।
एचएसबीसी ने कहा है कि कंपनियों की आमदनी ठहर सकती है, मॉनसून कमजोर रह सकता है तथा आगे ब्याज दरों की गुंजाइश कम है। एचएसबीसी ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे महंगा बाजार बन चुका है और एशियाई बाजारों में यह जरूरत से ज्यादा खरीद वाले बाजारों में है। पिछले एक साल के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद बनी उम्मीदों से शेयर बाजारों में जोरदार तेजी आई है। एचएसबीसी ने फिलिपींस व हांगकांग जैसे बाजारों के लिए अपने रुख में उन्नयन किया है।
एचएसबीसी के शोध नोट में कहा गया है, ‘‘हम भारतीय इक्विटी बाजार के लिए रेटिंग को ओवरवेट से अंडरवेट कर रहे हैं। इसके अलावा हमने फिलिपींस को तटस्थ से ओवरवेट व हांगकांग अंडरवेट से तटस्थ किया है।’’
एचएसबीसी ने यह रेटिंग ऐसे समय कम की है जबकि भारतीय बाजार पहले से ही भारी दबाव में है। न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को लेकर जारी चिंता के बीच विदेशी संस्थागत निवेशक भारी बिकवाली कर रहे हैं। इसके अलावा महत्वपूर्ण सुधारों के संसद में अटकने की वजह से भी बाजार दबाव में है।

