दूसरे स्थान पर नैस्डेक है जबकि तीसरे स्थान पर जापान एक्सचेंज ग्रुप आता है, इन दोनों बाजारों का वित्तीय प्रसार क्रमश: 11.23 ट्रिलियन तथा 5.1 ट्रिलियन डॉलर का है। मौजूदा स्थिति में बीएसई 1.51 ट्रिलियन डॉलर के वित्तीय आधार के साथ विश्व में दसवें स्थान पर है।

पिछले दस सालों में अमेरिकी और भारतीय दोनों शेयर बाजारों में निवेशकों के लिए लगभग एक समान स्थिति रही है। हालिया दशक के पहले पांच वर्षों (2011-15) में रिटर्न अमेरिकी बाजारों के साथ 12.86 फीसद सालाना की दर से बढ़ रहा था, जबकि भारतीय बाजार सालाना 12.11 फीसद की दर से बढ़ रहे थे।

हालांकि भारतीय शेयर बाजार और अमेरिकी शेयर बाजार के उत्पादों में काफी अंतर रहा है। एक ओर जहां अमेरिकी स्टॉक बाजार में इन्फोटेक और औद्योगिक उत्पादों का दबदबा रहा है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय शेयर बाजार में तेज गति का श्रेय वित्तीय कंपनियों को जाता है।

इन दिनों अच्छे वैश्विक संकेतों और अनुकूल बजटीय प्रवाधानों के बीच भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। सेंसेक्स और निफ्टी ने इस दौरान नए कीर्तिमान रचे हैं। अच्छी बात यह है कि तेजी का यह रुख सिर्फ भारत में ही देखने को नहीं मिल रहा है। खासतौर पर एशियाई के साथ अमेरिकी बाजार में दिख रही मजबूती कारोबारी जगत को उत्साहित कर रही है।