बैंक एफडी पर बेहतर रिटर्न मिलते हैं। रिटर्न के साथ-साथ इसमें निवेशकों को पैसा सुरक्षित रहता है। 5 साल टेन्योर वाले एफडी पर टैक्स छूट भी मिलती है। फिलहाल ज्यादातर बैंक 5 साल की एफडी पर 6.50 से 7.50 फीसदी तक की दर से रिटर्न ऑफर कर रहे हैं। समान टेन्योर वाले स्कीम में जमा पर अगर आप अधिक रिटर्न हासिल करना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस के स्मॉल सेविंग स्कीम में पैसे लगा सकते हैं। इसमें निवेशकों को बैंक एफडी से भी बेहतर मिल रहा है। बैंक एफडी के मुकाबले निवेशकों को अच्छी कमाई का अवसर दे रहे पोस्ट ऑफिस के स्मॉल सेविंग स्कीम का नाम नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है पोस्ट ऑफिस का एनएससी स्कीम?
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक सरकारी स्कीम है। इसमें जमा रकम पर गारंटीड रिटर्न मिलता है। यह फिक्स्ड इनकम निवेश विकल्प है, जो ऐसे निवेशकों को आकर्षित करती है जो बाजार का बिल्कुल भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। 5 साल की यह सरकारी स्कीम देशभर में पोस्ट ऑफिस में शुरू की जा सकती है, जिसमें न्यूनतम 1000 रुपये से अकाउंट खोला जा सकता है। एनएससी में अधिकतम जमा के लिए कोई लिमिट नहीं है। इसमें ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स भी लगता है।
एनएससी में कितना मिल रहा है ब्याज (Interest Rate in NSC)
पोस्ट ऑफिस के मुताबिक फिलहाल 5 साल की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम पर 7.7 फीसदी का सालाना कंपाउंडिंग ब्याज मिल रहा है। इस स्कीम में ब्याज सालाना कंपाउंडेड होता है और मैच्योरिटी पर निवेश रकम के साथ मिलता है। 5 साल बाद मैच्योरिटी पर आप इस स्कीम को रिन्यू नहीं कर सकते हैं। मैच्योरिटी के बाद NSC में निवेश जारी रखने के लिए, आपको लागू ब्याज दर के साथ एक नया NSC सर्टिफिकेट खरीदना होगा।
कोई भी निवेशक अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस से न्यूनतम 1000 रुपये में NSC अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके बाद निवेशक 100, 500, 1000, 5000, 10,000 या इससे अधिक पैसा रख सकते हैं। NSC में निवेश करने की कोई सीमा नहीं है।
NSC की तुलना में बैंकों के 5 साल की एफडी पर कितना मिल रहा है ब्याज
पोस्ट ऑफिस के एनएससी में सामान्य और वरिष्ठ नागरिकों को 7.7 फीसदी की दर से सरकार ब्याज दे रही है। वहीं देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई में पांच साल टेन्योर वाले एफडी पर आम नागरिकों को 6.50% और वरिष्ठ नागरिकों यानी 60 साल से अधिक उम्र के निवेशकों को 7.50% रिटर्न मिल रहा है।
प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक में पांच साल की एफडी पर आम नागरिकों को 7% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.50% रिटर्न मिल रहा है। समान दर से आईसीआईसीआई बैंक भी अपने ग्राहकों को पांच साल की एफडी पर रिटर्न ऑफर कर रहा है। इसमें टैक्स छूट का लाभ भी मिल रहा है। एक्सिस बैंक 5 साल टेन्योर वाले एफडी पर सामान्य नागरिकों के लिए 7-7.10% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.60-7.75% की पेशकश करता है।
10 लाख निवेश पर कहां मिलेगा ज्यादा फायदा?
साल साल से कम उम्र के लोग अगर बैंक एफडी में 10 लाख रुपये निवेश करते हैं तो उन्हें जमा पर 6.50-7.10 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। सीनियर सिटिजन के मामले में बैंक एफडी पर 7.50 से 7.75 फीसदी तक के ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न का लाभ मिल सकता है। वहीं पोस्ट ऑफिस के एनएससी स्कीम में 7.7 फीसदी की दर सरकार रिटर्न दे रही है। इन स्कीम में निवेश पर कहां निवेशकों को अधिक फायदा होगा यहां लिस्ट में चेक कर सकते हैं।
| NSC | बैंक एफडी (आम लोगों) | बैंक एफडी (सीनियर सिटिजन) | |
| जमा | 10 लाख | 10 लाख | 10 लाख |
| टेन्योर | 5 साल | 5 साल | 5 साल |
| ब्याज दर | 7.7% | 6.5% | 7.5% |
| मैच्योरिटी अमाउंट | 14,49,034 रुपये | 13,80,420 रुपये | 14,49,948 रुपये |
| ब्याज | 4,49,034 रुपये | 3,80,420 रुपये | 4,49,948 रुपये |
NSC और एफडी पर मिले ब्याज पर कितना लगता है ब्याज
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। हालांकि यह छूट 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है। पहले 4 साल तक एनएससी से मिले ब्याज को फिर से निवेश कर दिया जाता है, इसलिए टैक्स में छूट दी जाती है। लेकिन एनएससी के 5 साल पूरे होने पर उसे फिर से निवेश नहीं कर सकते, इसलिए ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है। इंटरेस्ट अमाउंट पर TDS नहीं कटता है।
वहीं टैक्स सेवर एफडी से मिलने वाली ब्याज आय अगर एक फाइनेंशियल ईयर में 40 हजार रुपये से अधिक है तो यह टैक्सेबल इनकम होगी। इस इनकम पर TDS कटता है। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह लिमिट 50 हजार रुपये है। ध्यान रहे कि टीडीएस ब्याज जमा करते समय काटा जाता है, न कि एफडी मैच्योर होने पर। यानी 5 साल की एफडी है तो 5 बार टीडीएस कटौती होगी। 10 फीसदी की दर से TDS काटा जाता है, लेकिन पैन की डिटेल नहीं दी गई है तो इंटरेस्ट इनकम से 20 फीसदी की दर से TDS काटा जाता है। जिन डिपॉजिटर्स की इनकम टैक्सेबल नहीं है, वे फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (60 और उससे अधिक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए) में एक डिक्लरेशन प्रदान कर सकते हैं। ऐसा करने से बैंक एफडी ब्याज पर टीडीएस की कटौती नहीं कर पाएंगे।
