उद्योग मंडल एसोचैम ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को ‘ब्रह्मास्त्र’ करार देते हुए आज कहा कि देश को राज्यों के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिये एक सरल प्लेटफार्म की जरूरत है। एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोड़िया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जीएसटी देश के लिये ब्रह्मास्त्र है। वास्तव में हमें देश के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिये सुगम प्लेटफार्म की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश में वस्तुओं की आवाजाही के लिये कई तरह की प्रक्रियाएं हैं। ‘देश के भीतर वस्तुओं को भेजना, विदेश भेजने के मुकाबले ज्यादा कठिन है।’

कनोड़िया ने कहा, ‘हमारा मानना है कि जीएसटी संभव है और संसद के मानसून सत्र में इसके पारित होने की उम्मीद करते हैं। हम तमिलनाडु सरकार से इसका समर्थन करने की अपील करेंगे।’ मद्रास चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष एस जी प्रभाकरन ने कहा कि अन्य देशों से तुलना की जाए तो तमिलनाडु न केवल विनिर्माणकर्ता राज्य है बल्कि उपभोक्ता प्रदेश भी है।

उन्होंने कहा, ‘देश में जीएसटी विधेयक का व्यापक प्रभाव होगा। हमारा प्रयास होगा कि तमिलनाडु सरकार जीएसटी का समर्थन करे।’ नई सरकार के लिये ‘एक्शन एजेंडा’ जारी करने के बाद कनोड़िया ने कहा कि तमिलनाडु में 90 लाख नये रोजगार सृजित करने की क्षमता है और वह 22 लाख करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित कर सकता है। रिपोर्ट एसोचैम और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने तैयार की।